Ghaziabad News : गाजियाबाद जिले में बड़े पैमाने पर राजस्व चोरी का मामला सामने आया है। प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है कि जिले में लगभग 10,000 फ्लैट ऐसे हैं, जिनकी अब तक रजिस्ट्री नहीं हुई है, जबकि उनका पजेशन खरीदारों को दिया जा चुका है। यह कार्रवाई बिल्डरों द्वारा नियमों के खिलाफ की गई है, जिससे शासन को सैकड़ों करोड़ रुपये के राजस्व की हानि होने की संभावना है।
Ghaziabad News : फ्लैट खरीदारों को परेशानी
प्रशासन के अनुसार, यदि इन फ्लैट्स की समय पर रजिस्ट्री हुई होती तो लगभग 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता था। कुछ प्रमुख बिल्डरों ने बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त किए ही पजेशन दे दिया, जिससे न केवल सरकार को नुकसान हुआ, बल्कि फ्लैट खरीदारों को भी कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एडीएम फाइनैंस एंड रेवेन्यू (एफआर) सौरभ भट्ट ने बताया कि ऐसे फ्लैट्स की पहचान की जा रही है और संबंधित बिल्डरों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। यदि निर्धारित समय में रजिस्ट्री नहीं कराई गई, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
Ghaziabad News : प्रशासन ने की थी कार्रवाई
इस मुद्दे पर वर्ष 2019 में भी प्रशासन ने कार्रवाई की थी, लेकिन कई बिल्डरों ने तब भी नियमों की अनदेखी की थी। अब एक बार फिर पब्लिक की शिकायतों के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ है। राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक, इंदिरापुरम और सिद्धार्थ विहार सहित कई क्षेत्रों की हाउसिंग सोसायटियों में यह समस्या देखी गई है। कुछ सहकारी समितियां भी, जिन्होंने आवास विकास परिषद से जमीन लेकर फ्लैट बनाए थे, अब तक खरीदारों को रजिस्ट्री नहीं दे सकी हैं।
