Ghaziabad News : गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्वाट टीम ने संयुक्त अभियान में फर्जी जमानत बांड भरने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के 8 सदस्य अभी फरार बताए जा रहे हैं। इस कार्रवाई के बाद न्यायिक प्रक्रिया की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
Ghaziabad News : कैदियों की जमानत में होती थी फर्जीवाड़े की एंट्री
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि यह गिरोह वर्ष 2020 से सक्रिय था और इसका तरीका बेहद सुनियोजित था। ये आरोपी उन कैदियों को निशाना बनाते थे जिनकी जमानत कोर्ट द्वारा मंजूर की जा चुकी होती थी। इसके बाद गिरोह के सदस्य खतौनी जैसे भूमि रिकॉर्ड दस्तावेज निकालते थे और जिन व्यक्तियों के नाम जमीन दर्ज होती, उनके नाम से फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे। फिर इन नकली दस्तावेजों के आधार पर अदालत में ज़मानत बांड दाखिल कर कैदियों को रिहा करवा दिया जाता था।
Ghaziabad News : पुलिस को मिले चौंकाने वाले दस्तावेज
पुलिस ने गिरोह के पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें 21 नकली आधार कार्ड, 18 खतौनी दस्तावेज, विभिन्न थानों और सरकारी कार्यालयों की नकली मोहरें और कई वकालतनामे शामिल हैं। बरामद दस्तावेजों से यह साफ है कि यह गिरोह गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिले में सक्रिय था। पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी फोटोशॉप जैसे सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके असली आधार कार्ड की जानकारी में बदलाव करते थे जैसे नाम, पिता का नाम और फोटो। कुछ आरोपी पहले विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी करते थे, लेकिन ज्यादा पैसे के लालच में आकर इस अपराध की दुनिया में उतर गए। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अनोज यादव, इसरार, बबलू, लोकेन्द्र, राहुल शर्मा, सुनील कुमार और विकास राजपूत के रुप में हुई है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है और गिरोह से जुड़े अन्य नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।
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