Organic Farming : किसानों के लिए प्रेरणा बनी कांचन गडकरी की खेती
नागपुर स्थित भक्ति फार्म में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी, श्रीमती कांचन गडकरी ने जैविक खेती के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपने फार्म पर एक नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऑर्गेनिक प्याज़ का सफल उत्पादन किया है, जिनका वजन एक-एक किलो तक है। यह उपलब्धि खास तौर पर इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि इसमें मल्चिंग पेपर तकनीक और जैविक विधियों का संयोजन किया गया है। कांचन गडकरी का यह प्रयोग न केवल स्थानीय कृषि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है, बल्कि यह भारत में टिकाऊ और उन्नत खेती के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बन रहा है।
Organic Farming : क्या हैं मल्चिंग पेपर तकनीक
मल्चिंग पेपर तकनीक एक उन्नत कृषि विधि है जिसमें पौधों की जड़ों के आसपास की मिट्टी को बायोडिग्रेडेबल पेपर से ढका जाता है। इस तकनीक के कई लाभ हैं — यह मिट्टी की नमी को बनाए रखता है, खरपतवारों की वृद्धि को रोकता है और तापमान को स्थिर बनाए रखता है। कांचन गडकरी ने इस तकनीक को परंपरागत जैविक खेती के साथ जोड़कर प्याज़ की खेती में इसका सफल प्रयोग किया। उन्होंने किसी भी रासायनिक खाद या कीटनाशक के बिना प्याज़ उगाए, जिससे न केवल उत्पादन बढ़ा बल्कि गुणवत्ता भी बेहतरीन रही। उनके फार्म पर उगाए गए प्याज़ों का वजन एक किलो तक पहुंच गया, जो सामान्य प्याज़ की तुलना में कई गुना अधिक है।
इस नवाचार की जानकारी जब स्थानीय किसानों और कृषि विशेषज्ञों तक पहुंची, तो इसे लेकर भारी उत्साह देखा गया। अनेक किसान अब इस तकनीक को अपनाने के लिए कांचन गडकरी के फार्म का दौरा कर रहे हैं और इसे अपने खेतों में प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने भी इस तकनीक को भारतीय कृषि में एक संभावनाशील परिवर्तन के रूप में देखा है। यह प्रयोग दर्शाता है कि अगर परंपरा और तकनीक को सही तरीके से जोड़ा जाए तो खेती में क्रांतिकारी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। कांचन गडकरी की इस पहल से निश्चित रूप से भारतीय किसानों को प्रेरणा मिलेगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
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