Himanta Biswa Sharma News : सीएम हिमंता बोले- इससे लोगों को मिलेगा साहस और सुरक्षा
असम सरकार ने एक बड़ा और संवेदनशील फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य के सीमावर्ती और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले स्वदेशी नागरिकों को हथियारों के लाइसेंस दिए जाएंगे। इस योजना को हाल ही में राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि जिन इलाकों में लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, वहां अब उन्हें लाइसेंसी हथियार रखने की छूट दी जाएगी। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि अवैध गतिविधियों और बाहरी खतरों के खिलाफ आत्मरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगा।
Himanta Biswa Sharma News : जानिये क्या हैं पूरा मामला ?
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि बांग्लादेश सीमा से सटे धुबरी, मोरीगांव, बारपेटा, नागांव और दक्षिण सलमारा-मनकचर जैसे जिलों में रहने वाले लोग लंबे समय से हथियारों के लाइसेंस की मांग कर रहे थे। हाल के दिनों में सीमापार से होने वाली संदिग्ध गतिविधियों और ‘घुसपैठियों’ के डर ने इन क्षेत्रों के मूल निवासियों के बीच असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस स्कीम को लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह स्कीम पूरे राज्य में लागू होगी और जरूरत पड़ने पर गुवाहाटी जैसे शहरी इलाकों में भी लोगों को इसका लाभ दिया जाएगा।
हथियारों के लाइसेंस और खरीद पर भारत में ‘आर्म्स एक्ट 1959’ लागू होता है, जो दो तरह के हथियारों – निषिद्ध बोर (Prohibited Bore) और गैर-निषिद्ध बोर (Non-Prohibited Bore) को परिभाषित करता है। पीबी हथियारों का लाइसेंस केवल गृह मंत्रालय द्वारा गंभीर खतरे की स्थिति में ही जारी किया जाता है, जबकि एनपीबी हथियारों का लाइसेंस जिला मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा दिया जा सकता है। हथियार रखने के लिए व्यक्ति को कम से कम 21 वर्ष का होना चाहिए, मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए और उसके खिलाफ हिंसा से जुड़ा कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि पहले की सरकारें समय रहते लोगों को हथियारों के लाइसेंस दे देतीं, तो बहुत से लोग अपनी जमीनें और घर छोड़ने को मजबूर नहीं होते। अब सरकार इस फैसले से लोगों को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाना चाहती है।
यह भी पढ़े-
