ब्यूरो : हरेन्द्र शर्मा
Hapur News : उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी एक बड़े फर्जी डिग्री घोटाले के चलते विवादों में घिर गई है। शनिवार शाम उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) की लखनऊ और मेरठ यूनिट की संयुक्त टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में छापा मारकर 12 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हैं।
Hapur News : फर्जी मार्कशीट और डिग्रियों का खुलासा
एसटीएफ को लंबे समय से मोनाड यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां जारी करने की शिकायतें मिल रही थीं। शनिवार दोपहर करीब 4 बजे एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर को चारों ओर से घेर लिया और पांच घंटे तक सघन छानबीन की। इस दौरान परिसर में किसी के भी आने-जाने पर रोक लगा दी गई और मौके पर मौजूद सभी लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए। छापेमारी के दौरान टीम ने बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूत जुटाए। यूनिवर्सिटी से लैपटॉप, हार्ड डिस्क, सर्वर सिस्टम और कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एसटीएफ अधिकारियों का मानना है कि इन उपकरणों में फर्जी डिग्री निर्माण और वितरण से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा मौजूद हैं। सभी डिजिटल साक्ष्यों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है।
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Download File: https://lokhitkranti.com/wp-content/uploads/2025/05/WhatsApp-Video-2025-05-19-at-9.30.27-AM.mp4?_=1Hapur News : हरियाणा से गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई हरियाणा से पकड़े गए दो युवकों की निशानदेही पर की गई, जिन्हें हाल ही में 80 हजार से अधिक फर्जी मार्कशीट के साथ गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों आरोपी छापेमारी के दौरान एसटीएफ टीम के साथ मौजूद थे और उन्होंने जांच में मदद की। एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने छापेमारी के बाद खुलासा किया कि यूनिवर्सिटी चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा पहले भी करोड़ों की ठगी से जुड़े चर्चित बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड रह चुका है। अब शिक्षा जगत से जुड़े एक और बड़े घोटाले में उनका नाम सामने आया है।
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Download File: https://lokhitkranti.com/wp-content/uploads/2025/05/WhatsApp-Video-2025-05-19-at-9.30.23-AM.mp4?_=2Hapur News : आगे की कार्रवाई जारी
हिरासत में लिए गए सभी 12 संदिग्धों से पिलखुवा कोतवाली में पूछताछ की जा रही है। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। बरामद दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच के बाद इस घोटाले में और लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है।
