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Delhi University: डीयू के छात्रों को मिलेगा अब विदेश में पढ़ने का मौका

Delhi University

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पहले बैच के छात्रों को जल्द ही एक विदेशी विश्वविद्यालय में अपने अंतिम वर्ष का एक सेमेस्टर पूरा करने का अवसर मिलेगा। ट्विन डिग्री कार्यक्रम के तहत छात्र ऐसा कर पाएंगे।

ट्विन डिग्री व्यवस्था
Delhi University: डीयू के चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के पहले बैच के छात्रों के पास इस साल की शुरुआत में विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की जा रही नई ट्विन डिग्री व्यवस्था के तहत चुनिंदा विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों (एफएचईआइ) में विदेश में एक सेमेस्टर करने का विकल्प मौजूद होगा। ट्विन डिग्री व्यवस्था को लागू करने के तौर-तरीकों को निर्धारित करने के लिए गठित एक समिति ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की हैं, जिन्हें 27 दिसंबर को विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। ट्विन डिग्री व्यवस्था आर्थिक रूप से कमज़ोर पृष्ठभूमि के मेधावी छात्रों के लिए भी सुलभ होगी। विश्वविद्यालय इस श्रेणी के एक या दो छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सहयोग करने की योजना बना रहा है। इन छात्रों की पहचान करने को चयन प्रक्रिया स्थापित की जाएगी।

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Delhi University: DU students will now get the opportunity to study abroad.

7 वें सेमेस्टर में होगी अनुमति
Delhi University: सिफारिशों के अनुसार, 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से दिल्ली विश्वविद्यालय में नामांकित स्नातक छात्रों को अपने सातवें सेमेस्टर के दौरान एक विदेशी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने की अनुमति होगी। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को तीसरे या पांचवें सेमेस्टर के दौरान विदेश में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा, जबकि दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को पांचवें या सातवें सेमेस्टर के दौरान विदेश जाने का विकल्प मिलेगा। इस व्यवस्था के तहत छात्र विदेश में एक सेमेस्टर पूरा कर सकेंगे, जिसमें उन्हें न्यूनतम 12 क्रेडिट और अधिकतम 26 क्रेडिट मिलेंगे। वापस लौटने पर छात्रों को मूल संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय से उनकी डिग्री मिलेगी।

विकल्पों की जानकारी वेबसाइट पर मौजूद
Delhi University: विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय संबंध कार्यालय ट्विन कार्यक्रम के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग शुरू करने के लिए जिम्मेदार होगा, जिसमें पाठ्यक्रम शुल्क, पाठ्यक्रम, छात्र चिकित्सा बीमा, आवास और अन्य जरूरी व्यवस्था जैसे मामलों पर बातचीत शामिल होगी। उपलब्ध विकल्पों के बारे में जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को अच्छी तरह से जानकारी हो। विदेशी विश्वविद्यालयों के आवेदनों की समीक्षा करने को एक अकादमिक विशेषज्ञ समिति बनेगी, जो कार्यक्रम को लेकर कार्य करेगी। सहयोग के लिए विचार किए जाने वाले एफएचईआइ के लिए पात्रता मानदंड में वैश्विक वविवि रैंकिंग जैसे कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग या टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में उनकी तुलनात्मक या उच्च रैंकिंग शामिल होगी।

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Author: Aniruddh

अनिरुद्ध श्रीवास्तव हिंदी खबरों को सोशल मीडिया और आम जनता तक पहुंचाने में विशेष महारत रखते हैं। मास कम्युनिकेशन से ग्रेजुएट होने के बाद इन्होंने उत्तरप्रदेश के कई दिग्गजों के साथ काम किया व उनसे मार्गदर्शन भी लिया। पिछले 4 वर्षों से अनिरुद्ध मीडिया में हैं। इस समय वह कानून-व्यवस्था और प्रशासन देख रहे हैं। इनसे संपर्क करने के लिए:- aniruddhashrivastav786@gmail.com

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