UP News : डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और पारदर्शी प्रशासन पर दिया गया विशेष जोर
उत्तर प्रदेश में जनसेवा और प्रशासनिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में सराहनीय योगदान देने वाले जिलाधिकारियों की एक नई सूची सामने आई है, जिसे मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर जारी किया गया है। इस रैंकिंग के तहत राज्य के 10 जिलाधिकारियों को उनके कार्यों की गुणवत्ता, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, जनसुनवाई, कानून-व्यवस्था और नवाचार जैसे मापदंडों पर सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया है। यह पहल न सिर्फ बेहतर प्रशासन को पहचान देने की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि अन्य अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा बनकर सामने आई है। सरकार की मंशा है कि ज़मीनी स्तर पर पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सुविधाओं को बढ़ाया जाए, जिसमें ये अधिकारी सफल साबित हुए हैं।
UP News : जानें क्या हैं पूरा खबर ?
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर आधारित इस रैंकिंग में पहले स्थान पर महराजगंज के डीएम संतोष कुमार शर्मा हैं, जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार किए हैं। जालौन के डीएम राजेश कुमार पांडेय ने जनकल्याणकारी योजनाओं को समयबद्ध रूप से लागू कर मिसाल कायम की है। लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए महिला सुरक्षा और शिक्षा क्षेत्र में प्रभावशाली कार्य किया है। बरेली के डीएम अविनाश सिंह ने स्मार्ट सिटी और नागरिक सुविधाओं में तेज़ी लाई है, वहीं शाहजहांपुर के डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने किसानों और ग्रामीण इलाकों के हित में जल संरक्षण व सड़क निर्माण कार्यों को बढ़ावा दिया है। अन्य शामिल अधिकारी जैसे श्रावस्ती के अजय कुमार द्विवेदी, कुशीनगर के महेंद्र सिंह तंवर, ललितपुर के अक्षय त्रिपाठी, हरदोई के अनुनय झा और मुजफ्फरनगर के उमेश मिश्रा ने भी अपने-अपने जिलों में प्रशासनिक नवाचार, डिजिटलीकरण और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के जरिए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
इस रैंकिंग में जनसुनवाई समाधान दर, योजनाओं की समयबद्ध क्रियान्वयन, कानून-व्यवस्था की स्थिति, राजस्व संग्रहण की दक्षता और डिजिटलीकरण जैसे मापदंडों को प्रमुखता दी गई। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि यह सूची सिर्फ प्रदर्शन का मूल्यांकन नहीं, बल्कि एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का जरिया भी है। आम जनता की प्रतिक्रियाएं भी इस सूची को लेकर सकारात्मक रही हैं। नागरिकों ने प्रशासन की पारदर्शिता, योजनाओं की पहुंच और अधिकारियों की सहज उपलब्धता को सराहा है। इससे साफ है कि उत्तर प्रदेश प्रशासनिक दक्षता की ओर मजबूत कदम बढ़ा रहा है, जहाँ बेहतर सेवा देने वाले अधिकारियों को अब सार्वजनिक रूप से पहचान और सम्मान मिल रहा है।
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