UP News : अब उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध ने जोर पकड़ लिया है। अभियंताओं और कर्मचारियों में इस निर्णय को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की स्थिति को देखते हुए विभाग ने संभावित संकट से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने 7000 से अधिक आईटीआई पास आउटसोर्स कर्मियों को शहरी और ग्रामीण बिजली उपकेंद्रों पर तैनात करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिजली की आपूर्ति में कोई बाधा न आए और उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए प्रशिक्षण, नियंत्रण कक्ष की स्थापना और हेल्पलाइन व्यवस्था को भी सशक्त किया गया है।
UP News : क्या हैं पूरी खबर ?
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) के अनुसार, प्रत्येक शहरी उपकेंद्र पर लगभग 18 और ग्रामीण उपकेंद्रों पर 12 आउटसोर्स कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इन कर्मियों में RDS स्कीम, मीटर लगाने वाली एजेंसियों, ट्रांसफॉर्मर कार्यशालाओं, मीटर रीडर एजेंसी तथा ठेकेदारों के प्रशिक्षित लोग शामिल हैं। विभाग ने दावा किया है कि 27 मई से इन कर्मियों की तैनाती शुरू कर दी जाएगी और उन्हें 27-28 मई को शटडाउन प्रबंधन व उपकेंद्र संचालन का तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके अलावा कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है जहां से पूरे मामले की निगरानी की जाएगी। उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए फील्ड में विशेष गैंग भी बनाई जा रही है ताकि आवश्यकतानुसार मौके पर पहुंचकर समस्या को हल किया जा सके।
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में यह स्पष्ट होता है कि विभाग को अपने ही अभियंताओं के विरोध के कारण आपात योजना बनानी पड़ी। अभियंताओं ने शाम 5 बजे के बाद कार्यालयों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल न होने का निर्णय लिया है, जिससे प्रबंधन पर दबाव बना है। प्रबंधन ने हेल्पलाइन 1912 की सक्रियता बढ़ाने के साथ-साथ गोमती, ट्रांस गोमती, बरेली, सीतापुर, रायबरेली और अयोध्या जैसे जोनों में कंट्रोल रूम स्थापित कर नंबर भी जारी किए हैं। यह स्थिति इस ओर इशारा करती है कि यदि संवाद और समाधान का रास्ता नहीं निकाला गया, तो उपभोक्ताओं की सुविधाएं सीमित समय के लिए प्रभावित हो सकती हैं, और विभाग को अपने ही निर्णयों से उत्पन्न संकट से जूझना पड़ सकता है।
