Modinagar News : लोगों ने कहा, आर्थिक स्थिति के लिए हानिकारक
मोदीनगर नगर पालिका की ओर से शहरवासियों को एक साथ 8 से 12 साल तक लंबित पानी के बिल थमाए जाने से पूरे शहर में खूब हलचल मची हुई है। नगरपालिका ने एक ही बार में 6 हजार से लेकर 12 हजार रुपये तक के बिल भेजे हैं, जिसकी वजह से बहुत सारे मध्यम वर्गीय परिवार आर्थिक रूप से अस्थिर हो गए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि बिलों में यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो उनके मकानों की कुर्की (जमीन-जायदाद जब्त) कर ली जाएगी। ऐसे में नागरिक अधिकारियों के पास मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी किसी सुनवाई पर बिल भेजने का सिलसिला जारी है।
Modinagar News : क्या हैं लोगों और नगरपालिका का पक्ष ?
नगरपालिका ने शहर भर में सर्वे कर बकाया पानी के उपयोग की जानकारी जुटाई और उसके आधार पर बकायों का पता लगाकर नोटिस जारी किए गए। प्रत्येक परिवार से मासिक ₹50 के हिसाब से पानी के शुल्क को पिछले वर्षों के बिलों से जोड़कर भारी राशि एक साथ वसूली जा रही है। लेकिन नागरिकों का तर्क है कि उन्हें इसके बारे में कभी सूचित नहीं किया गया और न ही साल-दर-साल बिल भेजे गए, इसलिए अचानक इतनी बड़ी राशि का भुगतान करना उनके लिए असंभव है। लोगों का कहना हैं, “यदि प्रति माह या सालाना शुल्क लिया जाता तो कोई परेशानी नहीं होती , लेकिन 8–10 साल का बकाया एक साथ जमा करना हमारे मासिक बजट को पूरी तरह बिगाड़ देगा।”
नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र मोहन मिश्रा ने बताया कि सर्वे के परिणामस्वरूप अधिकांश घरों पर पानी के बिल बकाया होने की पुष्टि हुई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि बकाया रकम की वसूली के लिए नोटिस भेजे गए हैं, ताकि लोग मासिक भुगतान की आदत डालें और भविष्य में ऐसा भारी बकाया न बने। मिश्रा जी ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल विलंब राशि वसूलना नहीं, बल्कि नियमित भुगतान प्रणाली को मजबूती देना है।” हालांकि, नगरवासी आग्रह करते रहे कि नगरपालिका को चाहिए कि वह पहले छोटे—छोटे नोटिस जारी करती ताकि वे व्यवस्थित तरीके से प्रत्येक माह का बिल जमा कर पाएं। उन्होंने नगर अध्यक्ष से तत्काल राहत और किस्तों में भुगतान की सुविधा देने का भी आग्रह किया है, ताकि कोई भी परिवार आर्थिक रूप से टूट न जाए।
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