UP News : ट्विटर पर शेयर की पोस्ट
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के जन्मदिन पर लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने शुभकामनाएं दी । लोनी विधायक ने व्यक्तिगत रूप से उपमुख्यमंत्री को बधाई देते हुए उनके दीर्घायु और मंगलमय जीवन की कामना की है। साथ ही उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से भी शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।
UP News : जानें क्या हैं पूरी खबर ?
अपने ट्वीट में नंद किशोर गुर्जर ने लिखा, “@BJP4UP के वरिष्ठ नेता, सरल व्यक्तित्व, कुशल संगठनकर्ता, ऊर्जावान राजनेता उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री मा. @brajeshpathakup जी को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं एवं बधाई। महादेव दीर्घायु एवं मंगलमय जीवन प्रदान करें।” यह ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा हैं और बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। विधायक के इस शिष्टाचार भेंट को पार्टी के भीतर मजबूत आपसी संबंधों और नेतृत्व के प्रति सम्मान के रूप में देखा जा रहा है।
ब्रजेश पाठक उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक सशक्त और सक्रिय चेहरा माने जाते है। वहीं विधायक नंद किशोर गुर्जर अपने बेबाकी के लिए जाने जाते है। विधायक नंद किशोर गुर्जर और ब्रजेश पाठक की लखनऊ में इस भेंट को उनके व्यक्तिगत जुड़ाव और राजनीतिक सौहार्द्र का प्रतीक माना जा रहा है। लेकिन इस ओर भी इशारा कर रहा हैं कि कही उत्तर प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनावों में गुर्जर को कोई बड़ी भूमिका मिल सकती हैं ?
Ghaziabad News : बिल्डर की फाइल गायब होने से जीडीए में मची खलबली, तीन बाबूओं पर एफआईआर दर्ज
Ghaziabad News : बिल्डर की फाइल गायब होने से जीडीए में मची खलबली, तीन बाबूओं पर एफआईआर दर्ज
Ghaziabad News : 2012 में पास हुआ था नक्शा
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में फाइल गुम होने का एक पुराना मामला एक दशक बाद फिर सुर्खियों में है। प्राधिकरण ने अपने ही तीन कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर लापरवाही बरतने और दो महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट की फाइलें गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। रियल एंकर डेवलपर्स के कनावनी और प्रह्लादगढ़ी स्थित प्रोजेक्ट से जुड़ी ये फाइलें वर्ष 2014 में जीडीए से लापता हो गई थीं। लगभग दस वर्षों तक मामले को टालते रहने के बाद नवंबर 2024 में जीडीए ने सिहानी गेट थाने में लिखित शिकायत दी थी, जिस पर अब जाकर सात महीने बाद एफआईआर दर्ज की गई है।
Ghaziabad News : जानें क्या हैं पूरी खबर ?
जानकारी के अनुसार, रियल एंकर डेवलपर्स के दो प्रोजेक्ट्स के नक्शे वर्ष 2012 में जीडीए द्वारा पास किए गए थे। लेकिन 2014 में संबंधित फाइलें जीडीए के रिकॉर्ड से गायब हो गईं। फाइलें ढूंढने के तमाम प्रयासों के बावजूद जब कोई नतीजा नहीं निकला, तब प्राधिकरण को शक हुआ कि यह काम जानबूझकर किया गया है। काफी समय तक मामले को विभागीय स्तर पर ही निपटाने की कोशिश की गई, लेकिन अंततः नवंबर 2024 में इसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। जीडीए ने आरोप लगाया कि फाइल गायब होने में तत्कालीन बाबुओं की मिलीभगत हो सकती है, जिससे रियल एंकर डेवलपर्स को अनुचित लाभ पहुंचाने की आशंका भी जताई जा रही है।
अब सिहानी गेट थाने में जीडीए के तीन लिपिक—कृष्णकांत, वेद त्यागी और नवीन चंद्र के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इन पर फाइलों को जानबूझकर गायब करने और प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को प्रभावित करने का आरोप है। हालांकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन एफआईआर में हुई सात महीने की देरी से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह मामला जीडीए की आंतरिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की कमी और लापरवाही को उजागर करता है। अब देखना यह है कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।
