UP News : जालौन जिले के चिरपुरा खंड संख्या 2 में अवैध खनन अपने चरम पर है। खनिज विभाग और NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन माफिया भारी पोकलैंड और लिफ्टर मशीनों से नदी की जलधारा में ही खनन कार्य को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि नदी की मध्य जलधारा में ही खनन कर एक प्रकार का ‘मकड़जाल’ तैयार कर दिया गया है, जिससे न केवल पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है, बल्कि नदी की प्रवाह दिशा और जलजीवों के प्राकृतिक आवास पर भी खतरा मंडरा रहा है।
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Download File: https://lokhitkranti.com/wp-content/uploads/2025/06/WhatsApp-Video-2025-06-01-at-10.41.33-AM.mp4?_=1UP News : प्रशासन का खौफ नहीं
जिलाधिकारी द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों और सख्ती के बावजूद खनन माफियाओं में प्रशासन का कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है, और प्रशासनिक अमला या तो अनभिज्ञ है या फिर मौन सहमति बनी हुई है। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो रात के अंधेरे में खनन कार्य और अधिक तेज़ी से होता है। इससे न सिर्फ इलाके की सड़कों को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि आसपास के गांवों में प्रदूषण और ध्वनि स्तर भी तेजी से बढ़ा है।
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Download File: https://lokhitkranti.com/wp-content/uploads/2025/06/WhatsApp-Video-2025-06-01-at-10.41.29-AM.mp4?_=2UP News : जल और पर्यावरणीय संकट का शिकार हो क्षेत्र
प्रशासन को लेकर सवाल उठ रहे है कि पोकलैंड और लिफ्टर जैसी भारी मशीनें आखिर किसकी अनुमति से नदी के बीच चलाई जा रही हैं? क्या खनन माफियाओं को स्थानीय प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है? नियमों के विरुद्ध हो रहे इस खनन पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है? आपको बता दें कि पर्यावरणविदों और स्थानीय नागरिकों ने इस अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाने, जिम्मेदार अधिकारियों की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले समय में यह क्षेत्र गंभीर जल और पर्यावरणीय संकट का शिकार हो सकता है।
