UP News : कानपुर जिले में पुलिस एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। यहां सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब गांव के रहने वाले जीतू निषाद ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों की मांने तो पत्नी से विवाद के बाद पुलिस ने रिश्वत की मांग करते हुए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था।
UP News : अब पढ़े क्या है पूरा मामला…
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गांव निवाली एक 42 वर्षीय शख्स जीतू निषाद, जो कभी तीन बेटियों के संग जिंदगी की नई शुरुआत की उम्मीद लिए गांव लौटा था, अब उसी गांव में फांसी के फंदे पर लटका मिला। चर्चा है कि पारिवारिक विवाद के बीच सुलह कराने की जगह पुलिस ने ऐसा बर्ताव किया कि जीतू की उम्मीदें ही टूट गईं और उसने जान दे दी। जानकारी के अनुसार, पहले पत्नी सुमन से अनबन हुई तो वह बेटियों को लेकर मायके चली गई। लेकिन जब जीतू मनाने गया तो ससुराल पक्ष ने पुलिस बुला ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने चौकी में जीतू से मारपीट की। परिवार वालों का कहना है कि उसे छोड़ने के एवज में 20 हजार की मांग की गई। लेकिन वह खेत का अनाज बेचकर बस 5 हजार रुपये की कामा पाया।
इस बीच मानसिक तनाव, सामाजिक दबाव और प्रशासनिक उत्पीड़न से तंग आकर जीतू ने जिंदगी से हार मान जान दे दी। सूचना मिलने पर विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंचीं। जिसके बाद डीसीपी दीपेंद्र चौधरी ने पुलिस की भूमिका पर सवाल मानते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। फिलहाल, मामले में कार्रवाई करते हुए दारोगा गौरव सहूलिया, हेड कांस्टेबल रवि समेत मृतक की पत्नी सुमन और ससुर रामकिशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया है।
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