UP News : दिल्ली-शामली पैसेंजर ट्रेन को पलटाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में शनिवार रात एक बड़ी रेल दुर्घटना को अंजाम देने की कोशिश नाकाम कर दी गई। दिल्ली से शामली आ रही पैसेंजर ट्रेन संख्या 64021 को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर समय रहते रोक लिया गया, वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी। जांच में पता चला कि बलवा और शामली स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर 20 फीट लंबा लोहे का पाइप, सीमेंट के टूटे हुए पाइप और भारी-भरकम पत्थर रख दिए गए थे। यह सब कुछ महज एक घंटे के अंदर किया गया, जबकि एक ट्रेन उसी रूट से एक घंटे पहले ही गुजर चुकी थी और तब ट्रैक एकदम साफ था। इस साजिश ने रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।
UP News : खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं
रेलवे और पुलिस अधिकारियों की प्राथमिक जांच में साफ हुआ कि इतनी बड़ी साजिश को अंजाम देने में पांच या उससे अधिक लोगों का हाथ हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि 20 फीट लंबा और भारी लोहे का पाइप और पत्थरों को अकेले कोई एक या दो व्यक्ति नहीं रख सकते। इसलिए ये तय है कि इसमें एक संगठित समूह शामिल था। ट्रेन के चालक जोगेंद्र सिंह ने अपनी सतर्कता से ट्रेन को समय पर रोक दिया और जीआरपी के एस्कॉर्ट टीम ने तुरंत ट्रैक को साफ कर आपदा टाल दी। पूरी घटना का समय रात करीब 10:18 बजे का था, जब पैसेंजर ट्रेन बलवा हॉल्ट से चलकर शामली के लिए निकली थी।
घटना को लेकर संदेह जताया जा रहा है कि यह कोई आतंकी साजिश हो सकती है या फिर किसी की गंभीर शरारत। इस मामले की जांच अब केवल जीआरपी या आरपीएफ तक सीमित नहीं रही, बल्कि सिविल पुलिस के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। गौरतलब है कि शामली जिले में पहले भी कई बार आतंकी गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों की उपस्थिति सामने आ चुकी है। 2019 में स्टेशन मास्टर के नाम से धमकी भरी चिट्ठी भेजी गई थी, जिसमें शामली सहित देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों और रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। चिट्ठी में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र था।
शामली पुलिस और रेलवे अधिकारी इस घटना को अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं। आतंकी एंगल को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा, खासतौर पर तब जब जिले से पहले भी आईएसआई एजेंट और पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हाल ही में कैराना निवासी नोमान इलाही को हरियाणा पुलिस ने पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले शामली निवासी कलीम और तहसीम को एसटीएफ ने आईएसआई एजेंट के तौर पर पकड़ा था। इस तरह के पिछले मामलों को देखते हुए मौजूदा साजिश को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
रेलवे सुरक्षा अधिकारियों ने पूर्व में ऐसी दो और साजिशों का भी खुलासा किया है। एक मामला 12 फरवरी को कांधला के पास का था, जहां रेलवे ट्रैक पर लोहे का पट्टा रखा गया था। दूसरा मामला टपरी-रुड़की-हरिद्वार मार्ग का था, जहां लोहे का गेट पटरी पर रखा गया था। दोनों ही मामलों में सतर्क ट्रेन चालकों की वजह से हादसे टल गए। वर्तमान घटना के बाद दिल्ली रेलवे के कमांडेंट ज्योति मणि ने भी पुष्टि की कि लोहे का पाइप जानबूझकर रखा गया था, हालांकि उन्होंने आतंकी हमले से फिलहाल इनकार किया है। वहीं एसपी रामसेवक गौतम ने बताया कि सभी एंगल पर गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही साजिशकर्ताओं को बेनकाब कर लिया जाएगा।
