Bangladeshi Immigrants: दक्षिणी पश्चिम जिला पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (एएटीएस) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली कैंट क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे एक ही परिवार के चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। यह सभी पिछले 12 वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। पकड़े गए चारों आरोपियों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से देश से निर्वासित कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान 44 वर्षीय मोहम्मद असद अली, उनकी पत्नी 40 वर्षीय नसीमा बेगम, 18 वर्षीय बेटा मोहम्मद नईम खान और 13 वर्षीय बेटी आशा मोनी के रूप में हुई है। सभी मूल रूप से बांग्लादेश के फुलबारी कुरीग्राम जिले के फारूक बाजार अजवातारी गांव के निवासी हैं।
पुलिस उपायुक्त सुरेन्द्र चौधरी के अनुसार,ये लोग दक्षिणी पश्चिम जिले में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर कड़ी नजर रखने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। इसी क्रम में एएटीएस प्रभारी इंस्पेक्टर राम कुमार के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली कैंट क्षेत्र में कुछ बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं। इस पर तुरंत छापेमारी कर चारों को हिरासत में लिया गया।
पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान जब इनसे वैध भारतीय दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। हालांकि, पुलिस को उनके पास से बांग्लादेशी पहचान पत्रों की फोटोकॉपी बरामद हुई है। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे करीब 12 साल पहले नदी पार कर भारत में अवैध रूप से दाखिल हुए थे और ट्रेन के जरिए दिल्ली पहुंचे थे।
पुलिस ने बताया कि इन सभी को कानून के तहत कार्रवाई करते हुए एफआरआरओ के जरिए बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है। दक्षिणी पश्चिम जिला पुलिस की यह कार्रवाई अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों पर सख्त नजर रखने की नीति का हिस्सा है। पुलिस की ओर से इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
