Waqf Amendment Bill : लोकसभा में बुधवार को पेश होने वाले वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गंभीर आपत्तियां उठाई हैं। उन्होंने विशेष रूप से विधेयक के दो क्लॉज 2A और 3 (vii) (e) को खतरनाक करार दिया और कहा कि यह उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को जबरन सरकारी घोषित करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है, जिससे विवाद और बढ़ सकते हैं।
इमरान मसूद ने कहा कि “यह क्लॉज सरकार द्वारा समाधान की बात करते हुए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार की ओर से वक्फ संपत्तियों को लेकर जो कदम उठाए गए हैं, वे विवादों को और बढ़ा सकते हैं। मसूद ने इस विधेयक को लेकर जेपीसी की रिपोर्ट का भी हवाला दिया और कहा कि जेपीसी में 22 में से 12 सदस्य गैर-मुस्लिम थे, जिन्हें वक्फ के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी।
Waqf Amendment Bill : संपत्ति सरकारी के रूप में दर्ज होगी
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 की धारा 2 (A) में यह प्रावधान किया गया है कि इस संशोधन विधेयक के प्रावधान पुराने और नए ट्रस्टों पर लागू नहीं होंगे, जो किसी मुसलमान ने जनहित के लिए बनाए हैं। वहीं, धारा 3 (vii) (e) के तहत यह कहा गया है कि अगर कोई वक्फ संपत्ति विवाद से मुक्त है और सरकारी संपत्ति नहीं है, तो वह वक्फ संपत्ति बनी रहेगी। इमरान मसूद ने इस क्लॉज के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि यह खतरनाक है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ की लगभग 14,000 हेक्टेयर जमीन में से 11,000 हेक्टेयर जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया है। मसूद का कहना है कि अब यह संपत्ति सरकारी के रूप में दर्ज होगी, जबकि पहले यह वक्फ संपत्ति के रूप में रजिस्टर्ड थी।
कांग्रेस सांसद ने इस पर विरोध जताते हुए कहा, “यह पूरी तरह से संविधान की धारा 14, 16 और 25 के खिलाफ है और इसका सीधा उल्लंघन करता है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार संविधान के साथ मजाक कर रही है और वक्फ की वास्तविक समझ को नजरअंदाज कर रही है। “हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार को स्पष्ट करना होगा कि वक्फ संपत्तियों को लेकर उनके पास कोई ठोस योजना है या नहीं।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे पर उचित समाधान नहीं मिलता है तो कांग्रेस पार्टी इसका विरोध जारी रखेगी।
यह भी पढ़े…
