Ghaziabad News : बदायूं जिले के निवासी 41 वर्षीय धीर सिंह की कहानी सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा। पत्नी और उसके कथित प्रेमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वह बीते छह महीनों से गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट और प्रशासनिक अधिकारियों के 100 से अधिक चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिला। धीर सिंह पिछले 12 वर्षों से गाजियाबाद में रहकर बर्तन बेचने का काम करते हैं। वह बताते हैं कि खोड़ा कॉलोनी में किराये पर रहते हुए उन्हें अपनी पत्नी मिथलेश के मकान मालिक के भाई से अवैध संबंधों का संदेह हुआ। आरोप है कि पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और उनका सारा सामान भी रख लिया।
Ghaziabad News : सीएम दरबार से लेकर डीएम कार्यालय तक की दौड़
धीर सिंह ने 22 अप्रैल 2025 को गाजियाबाद डीएम को शिकायती पत्र सौंपा और 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर स्थित जनता दरबार में अपनी आपबीती सुनाई। मुख्यमंत्री ने सहायता का आश्वासन दिया और अधिकारियों को निर्देश भी दिए, लेकिन स्थानीय पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। धीर सिंह का कहना है कि उनकी पत्नी मिथलेश अब मकान मालिक के भाई के साथ रह रही है और बार-बार उन्हें धमकियां दिलवा रही है। पत्नी कहती है कि अब तुझमें इंटरेस्ट नहीं है, और बच्चों से भी मिलने नहीं देती। पीड़ित का आरोप है कि उसकी ठेली, बर्तन और अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं भी छीन ली गई हैं, जिससे उसकी आजीविका खतरे में पड़ गई है।
Ghaziabad News : पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में
धीर सिंह ने बताया कि जब वे थाने पहुंचते हैं तो पुलिसकर्मी कहते हैं कि योगी जी जांच करने नहीं आएंगे, शिकायत कहीं भी कर लो, जांच हम ही करेंगे। उन्हें न तो सामान वापस मिला, न ही पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। पीड़ित का कहना है कि उनकी मां गांव में गंभीर रूप से बीमार हैं, लेकिन वे उनकी देखभाल भी नहीं कर पा रहे। वे खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। एक महिला द्वारा खुद को डीएम बताकर उन्हें धमकाने का भी आरोप उन्होंने लगाया है। गाजियाबाद में मैं अफसरों के चक्कर काट-काट कर थक चुका हूं। कोई अधिकारी नहीं बचा जिससे शिकायत न की हो। अब जान का खतरा महसूस हो रहा है। अगर मुझे कुछ होता है तो मेरी पत्नी और उसका प्रेमी जिम्मेदार होंगे।
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