Khatu Shyam : राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटू श्यामजी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची एक बीमार बुजुर्ग महिला और उनके परिवार के साथ हुई घटना ने न केवल इंसानियत को शर्मसार किया, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Khatu Shyam : सोशल मीडिया पर वीडियो किया साझा
दिल्ली की पत्रकार मेघा उपाध्याय ने इस दर्दनाक अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि वह अपने माता-पिता के साथ खाटू श्यामजी के दर्शन के लिए पहुंची थीं। सुबह 6 बजे होटल से निकलने के बाद वे मंदिर की लंबी लाइन में लग गए। लेकिन लगभग 7 बजे उनकी मां की तबीयत बिगड़ने लगी — पेट में तेज़ दर्द और उल्टी की स्थिति बन गई।
Khatu Shyam : वॉशरूम के लिए चुकाने पड़े ₹805
परिवार ने पास में साफ-सुथरे वॉशरूम की तलाश की, लेकिन एक किलोमीटर के दायरे में कोई सार्वजनिक सुविधा नहीं मिली। इसी बीच जब हालत गंभीर हो गई, तो पास के एक होटल में जाकर मदद की गुहार लगाई। मेघा के अनुसार, परिवार ने स्पष्ट किया कि उन्हें कमरा नहीं चाहिए, सिर्फ कुछ मिनट के लिए वॉशरूम इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए।
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Download File: https://lokhitkranti.com/wp-content/uploads/2025/04/r0pbLX8JxfC8MKY8.mp4?_=1होटल स्टाफ ने महिला की खराब हालत देखने के बावजूद किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं दिखाई और कहा कि वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए ₹800 देने होंगे। मजबूरी में परिवार ने यह राशि चुकाई। बिल मांगने पर शुरुआत में टालमटोल किया गया, लेकिन बाद में ₹805 (GST सहित) का बिल थमाया गया। मेघा ने इस बिल और घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है।
मेघा ने अपनी पोस्ट में लिखा, “दुख इस बात का नहीं कि हमें पैसे देने पड़े, दुख इस बात का है कि किसी ने हमारी मां की पीड़ा देखकर भी सबसे पहले पैसे मांगे। इंसानियत मरती हुई नजर आई।”
Khatu Shyam : स्थानीय प्रशासन और होटल प्रबंधन पर उठे सवाल
इस मामले को लेकर अब स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्या धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त और साफ-सुथरे सार्वजनिक वॉशरूम नहीं होने चाहिए? क्या आपात स्थितियों में मानवता से अधिक मुनाफा ज़रूरी हो गया है?
