UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों (गो आश्रय स्थलों) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने विशेष रूप से गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही, जिसका उपयोग अब सरकारी भवनों में भी किया जाएगा।
UP News : प्राकृतिक पेंट से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में गोबर से बने पेंट संयंत्रों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि गो आश्रय स्थलों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे एक ओर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, तो दूसरी ओर गोवंश संरक्षण केंद्रों के संचालन में आत्मनिर्भरता आएगी। पशुपालन और दुग्ध विकास केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण का प्रभावी माध्यम भी है। उन्होंने आगे कहा कि विभाग को तकनीक, निवेश और नवाचार को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
UP News : संस्थाओं के बीच प्रतियोगिता आयोजित
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में 7,693 गो आश्रय स्थल संचालित हैं, जिनमें 11.49 लाख निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। इन केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी की जा रही है और नियमित निरीक्षण भी होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए। इससे न सिर्फ गौसेवा का पुण्य मिलेगा, बल्कि दूध की उपलब्धता से परिवारों के पोषण स्तर में सुधार भी होगा। बैठक में सीएम योगी ने कहा कि मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जानी चहिए और अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिह्लित कर सम्मानित किया जाए। इसी प्रकार, गो आधारित उत्पाद बनाने वाली संस्थाओं के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित की जाए।
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