Ghaziabad News: शनिवार की देर रात एक बार फिर आई आंधी और तेज बारिश के बाद बड़ा हादसा हो गया। ऐसे में एसीपी अंकुर विहार के दफ्तर की छत भरभरा कर गिर गई और उसके नीचे दबकर सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर रूप से घायल एसीपी के पेशकार को लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे में हुई सब इंस्पेक्टर की मौत के बाद जहां उनके परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं पुलिस विभाग में भी शौक की लहर दौड़ गई। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हादसे की जानकारी ली।
Ghaziabad News: मिली जानकारी के अनुसार 58 वर्षीय वीरेंद्र मिश्रा 87 बैच के सब इंस्पेक्टर थे और वह मूलरूप से इटावा के रहने वाले थे। बताया गया है कि उनकी एक इकलौती बेटी है। जिसकी शादी हो चुकी है। वीरेंद्र मिश्रा ने अपना मकान दिल्ली के द्वारिका में बना रखा है। जहां पर वह अपनी पत्नी के साथ रहते थे। वर्तमान में वीरेंद्र मिश्रा की ड्यूटी गाजियाबाद के अंकुर विहार के एसीपी अजय कुमार सिंह के कार्यालय में चल रही थी। यहां पर वह एसीपी के पेशकार थे। बताया गया है कि विभागीय काम होने के चलते रात में वीरेंद्र मिश्रा घर नहीं जा सके थे और कार्यालय में ही मौजूद थे।
Ghaziabad News: शनिवार की देर रात एक साथ आए तूफान और तेज बारिश के बाद एसीपी कार्यालय की छत एकाएक भरभरा कर गिर गई। जिसके नीचे वीरेंद्र मिश्रा दब गए। हादसे की जानकारी होने पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और मलवे के नीचे दबे वीरेंद्र मिश्रा को तत्काल निकटवर्ती अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर हादसे की जानकारी मिलने के बाद जहां वीरेंद्र मिश्रा के परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं पुलिस विभाग में भी शौक की लहर दौड़ गई। हादसे की सूचना मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे हादसे की जानकारी ली। पुलिस ने बताया कि वीरेंद्र मिश्रा का पोस्टमार्टम हो जाने के बाद उनके शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हंसमुख और अपने काम के प्रति लगनसील थे वीरेंद्र मिश्रा
Ghaziabad News: वीरेंद्र मिश्रा के साथ काम करने वाले एवं काम कर चुके कुछ पुलिसकर्मियों ने बताया कि वीरेंद्र मिश्रा हसमुख इंसान थे और अपने कार्य के प्रति लगनसील थे। उनसे किसी को कोई शिकायत नहीं रहती थी। अपना काम वह समय से पहले पूरा कर लिया करते थे। यही कारण रहा की विभागीय काम के चलते वह अपने घर भी नहीं गए थे। उनका कहना है कि पुलिस विभाग ने एक नेक और अच्छा पुलिसकर्मी खो दिया है। जिसकी भरपाई होना मुश्किल है।
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