Prateek Grand City Society: सिद्धार्थ विहार स्थित प्रतीक ग्रैंड सिटी सोसायटी (Pratik Grand City Society) में पिछले चार दिनों से हालात अत्यंत चिंताजनक बने हुए हैं। यहां के सैकड़ों परिवार पीने के पानी और लिफ्ट जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को 25 मंजिल तक सीढ़ियों का उपयोग करना पड़ रहा है, जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है।स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह स्थिति बिल्डर की लापरवाही का परिणाम है। उनका आरोप है कि समय रहते नाले की मरम्मत नहीं की गई, जिससे यह संकट उत्पन्न हुआ। वर्तमान में न तो पीने का पानी उपलब्ध है और न ही ठीक से राशन की सामग्री लोगों तक पहुंच पा रही है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं।
Prateek Grand City Society प्रबंधन ने निवासियों से संयम बनाए रखने का अनुरोध किया है
Prateek Grand City Society: बिल्डर के मीडिया प्रतिनिधी ने कहा कि हम सभी से आग्रह करते हैं कि कृपया धैर्य रखें, क्योंकि मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही, हम उन लोगों से भी अपील करते हैं जो सीधे तौर पर इस मुद्दे से जुड़े नहीं हैं कि वे इस घटना को राजनीतिक रूप न दें। ऐसे समय में हमें एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए, न कि स्थिति का अनुचित लाभ उठाना चाहिए। जैसे ही हालात सामान्य होंगे, हम इस पूरे मामले की जांच कराएंगे, ताकि असली वजह सामने आ सके और सभी को सही जानकारी मिल सके।
‘अब आश्वासन नहीं, समाधान चाहिए’
Prateek Grand City Society: पीड़ित निवासियों का कहना है कि 48 घंटे बीत जाने के बावजूद सोसायटी प्रबंधन ने केवल एक ही पंपसेट लगाया है, जबकि निर्माणाधीन इमारत में भरे पानी को निकालने के लिए तीन पंपसेट की मदद ली जा रही है। इस असमानता से लोग आक्रोशित हैं और समाधान की मांग कर रहे हैं।नाले की दीवार टूटने के कारण बेसमेंट में सीवर का पानी भर गया है, जिससे सभी टावरों की लिफ्टें बंद हो गई हैं। इससे 25 मंजिला इमारतों में रहने वाले बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाएं अपने फ्लैटों में फंसे हुए हैं।
Prateek Grand City Society में जल संकट और गंदगी से बिगड़ी स्थिति, प्रशासन मौन”
Prateek Grand City Society: सोसायटी में पीने के पानी की आपूर्ति ठप होने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। निवासियों के अनुसार, बेसमेंट में जमा गंदे पानी से दुर्गंध फैल रही है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। लोगों का आरोप है कि आवास विकास, नगर निगम और सिंचाई विभाग में से कोई भी इस समस्या की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। पिछले शुक्रवार को नगर निगम महापौर सुनीता दयाल, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने मौके का निरीक्षण किया और समाधान का आश्वासन दिया। हालांकि, 36 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
