operation sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच हैदराबाद की मशहूर ‘कराची बेकरी’ ने अपने स्टोरों पर भारतीय तिरंगा फहराना शुरू कर दिया है। इस कदम के पीछे ब्रांड की पहचान को लेकर उपजे भ्रम और सुरक्षा कारण शामिल हैं।
operation sindoor: क्यों लगाए गए तिरंगे?
‘कराची बेकरी’ का नाम भले ही पाकिस्तान के शहर कराची से जुड़ा हो, लेकिन यह पूरी तरह एक भारतीय ब्रांड है। जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बिगड़ते हैं, तब इस बेकरी के स्टोर्स को स्थानीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कंपनी ने यह तय किया है कि वह हर तनावपूर्ण मौके पर अपने सभी स्टोरों पर तिरंगा लगाएगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उनका ब्रांड भारत का ही है।
operation sindoor: ब्रांड का इतिहास और मालिकाना हक
इस बेकरी की स्थापना 1953 में खानचंद रामनानी नामक सिंधी हिंदू कारोबारी ने की थी, जो भारत-पाक विभाजन के समय कराची से हैदराबाद आकर बसे थे। उस समय की याद और अपने मूल शहर को सम्मान देने के लिए उन्होंने बेकरी का नाम ‘कराची बेकरी’ रखा।
operation sindoor: व्यवसाय का दायरा और सफलता
‘कराची बेकरी’ आज केवल हैदराबाद ही नहीं, बल्कि पूरे भारत और दुनिया के कई देशों में अपने बिस्किट्स—खासकर ‘ओस्मानिया बिस्किट’—के लिए मशहूर है। कंपनी का कारोबार अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत 20 से अधिक देशों में फैला है। हर दिन करीब 10 टन बिस्किट का उत्पादन किया जाता है, और हर स्टोर पर औसतन 2000 लोग पहुंचते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से अधिक है और यह 1,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है।
operation sindoor: सुरक्षा के विशेष इंतजाम
बढ़ते तनाव के मद्देनज़र स्थानीय पुलिस ने ‘कराची बेकरी’ के स्टोर्स के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। साथ ही, उच्च प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बेकरी प्रबंधन को सतर्क रहने की सलाह दी है।
operation sindoor: राष्ट्रीयता को लेकर स्पष्ट संदेश
कंपनी तिरंगा फहराकर यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि उसका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। केवल नाम से कराची जुड़ा होने की वजह से उसे शक की निगाह से नहीं देखा जाना चाहिए। यह बेकरी भारतीय मिट्टी में पैदा हुई है और भारतीय मूल्यों को अपनाकर आगे बढ़ रही है।
