Lucknow News : भ्रष्टाचार के एक पुराने मामले में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने आशियाना थाने में तैनात रहे तत्कालीन सिपाही विनोद कुमार यादव को पांच साल की सजा सुनाई है। विशेष भ्रष्टाचार निवारण न्यायाधीश मंजुला सरकार की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। दोषी विनोद कुमार यादव वर्तमान में उपनिरीक्षक (दरोगा) पद पर कार्यरत हैं। अदालत ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
Lucknow News : क्या था मामला?
प्रकरण वर्ष 2007 का है। शिकायतकर्ता आसिफ खान ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी अलमारी, ग्रिल और कूलर की दुकान है, और आशियाना थाने में तैनात सिपाही विनोद यादव उनसे क्षेत्र के अपराधियों से संबंध जोड़ने की धमकी देकर रिश्वत मांगता था। शिकायत के अनुसार, आरोपी पूर्व में भी उन्हें दो बार फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा चुका था। इस बार आरोपी ने चार हजार रुपये की मांग की और न देने पर एक बार फिर जेल भेजने की धमकी दी।
Lucknow News : गुप्त जांच और ट्रैप ऑपरेशन
आसिफ खान की शिकायत के बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने मामले की गोपनीय जांच कराई। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। 20 जुलाई 2007 को कानपुर रोड स्थित एक चाय की गुमटी के पास ट्रैप ऑपरेशन के तहत आरोपी विनोद यादव को चार हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने विनोद कुमार यादव को दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पांच साल के कठोर कारावास और ₹1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि कानून व्यवस्था की रक्षा करने वाला जब स्वयं कानून का उल्लंघन करता है, तो यह समाज में गलत संदेश देता है और ऐसे मामलों में कठोर दंड आवश्यक है।
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