Ghaziabad News: एनएचएआई ने ग्रीन फील्ड इकॉनमिक कॉरिडोर के निर्माण पर रोक लगा दी है।आप को बता दें की अब इसकी धनराशि को गंगा एक्सप्रेसवे पर ही को खर्च किया जा रहा है। कानपुर जाने के लिए तीन समानांतर मार्ग की सुविधा होने की वजह से इस परियोजना को एनएचएआई ने खारिज कर दिया है।
आइये जानते है पूरी खबर
Ghaziabad News: औद्योगिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इस ग्रीनफील्ड का डिजाइन तैयार किया गया था। इस मार्ग के जरिए नरौरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, हरदुआगंज थर्मल पॉवर प्लांट, अल्ट्राटेक सीमेंट, सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र, इत्र उद्योग, चमड़ा उद्योग और गौतमबुद्ध नगर में स्थित कॉरपोरेट इंडस्ट्रीज को भी इस मार्ग से जोड़ा जाना था। ताकि उद्योगों तक कच्चे माल और तैयार माल का आवागमन सुगम हो सके। आपको बता दें की गत वर्ष एनएचएआई की समीक्षा बैठक में ग्रीन फील्ड इकॉनमिक कॉरिडोर का निर्माण शुरू करने का दावा लोकसभा चुनाव से पहले का किया गया था।
गाजियाबाद से कानपुर के रिंग रोड को जोड़ने वाले इस 288 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के निर्माण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई थी। प्रस्तावित परियोजना गाजियाबाद के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से शुरू होकर गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव को जोड़ने वाली थी। कानपुर तक के सफर का समय 50 फीसदी घटाने के उद्देश्य से इस परियोजना पर 15 हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत भी किया गया था। लेकिन जब एनएचएआई की टीम ने निविदा निकालने संबंधी कार्य शुरू किए साथ ही गाजियाबाद से लेकर कानपुर तक स्थलीय निरीक्षण किया तो पाया गया कि कानपुर जाने के लिए तीन समानांतर मार्गों की सुविधा पहले से ही है।आपको बता दें की एक्सप्रेसवे से शुरू होकर गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव को जोड़ने वाली थी। कानपुर तक के सफर का समय 50 फीसदी घटाने के उद्देश्य से इस परियोजना पर 15 हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। लेकिन जब एनएचएआई की टीम ने निविदा निकालने संबंधी कार्य शुरू किए साथ ही गाजियाबाद से लेकर कानपुर तक स्थलीय निरीक्षण किया तो पाया गया कि कानपुर जाने के लिए तीन समानांतर मार्गों की सुविधा पहले से है।पहला गाजियाबाद से अलीगढ़ रूट, यमुना एक्सप्रेसवे और तीसरा गंगा एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव है। इन तीन मार्गों पर ही कानपुर जाने वाले वाहनों का दबाव बहुत सीमित है। ऐसे में ग्रीन फील्ड कॉरिडोर को ट्रैफिक ही नहीं मिल पाएगा। इसके बाद रिपोर्ट को सड़क मार्ग परिवहन मंत्रालय को भेजा गया। मंत्रालय ने उक्त परियोजना पर रोक लगाने का निर्णय लिया और इसीलिए कॉरिडोर परियोजना के कार्यों पर रोक लगा दी गई।
कार्य योजना को पूरा होने में लगने थे चार चरण
Ghaziabad News: एनएचएआई ने इस परियोजना को गाजियाबाद-हापुड़ -कानपुर-उन्नाव ग्रीनफील्ड इकॉनमिक कॉरिडोर नाम दिया था। जमीन का अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेसवे के लिए किया जाना था, लेकिन शुरुआती चरण में चार लेन का निर्माण होना था। अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण छह लेन के ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की तर्ज पर होना था। यह कॉरिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे को उन्नाव और कानपुर के बीच में जोड़ने को था।
