Ghaziabad News : गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 16 में बिजली का पोल झुकने के कारण सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में पड़ गई है। यह पोल लोगों की आवाजाही के मार्ग के बिल्कुल पास झुका हुआ है, जिससे कोई भी अप्रत्याशित घटना घटित हो सकती है। बावजूद इसके, प्रशासन और बिजली विभाग की ओर से इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं किया गया है, जिससे नागरिकों में भय का माहौल है। दरअसल, मदर डेरी के ठीक आगे बिजली का एक खंभा नीचे से जर्जर व टूटकर टेढ़ा हो गया है। जो मात्र तीन एंगल व बिजली के तारों से बंधा हुआ है।
Ghaziabad News : उदासीन नजर आ रहा बिजली विभाग
एक तरफ झुके इस खंभे को देखकर लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। खंभे पर दबाव अधिक पड़ने या तेज हवा चलने पर वह किसी भी वक्त गिर सकता है। लोगों का कहना है कि मामले की शिकायत कई बार पोर्टल पर की जा चुकी है लेकिन बिजली विभाग द्वारा फ़र्ज़ी आख्या लगातार शिकायत को बंद कर दिया जाता है। जबकि प्रदेश सरकार की मंशा थी कि पोर्टल के जरिए लोगों की भागदौड़ बचेगी और उन्हें अपने घर और क्षेत्र में ही अपनी शिकायतों का निदान मिल जाएगा पर कमोवेश बिजली विभाग जनसरोकार से जुड़ी शिकायतों को लेकर उदासीन लग रहा है।
Ghaziabad News : क्या बड़े हादसे का इंतजार कर रहा बिजली विभाग ?
हाल ही में पोर्टल पर की गई शिकायत पर बिजली विभाग द्वारा शिकायतकर्ता को बताया गया था कि उक्त पोल पर सभी लाइनें बंद है व इस पोल को एक सप्ताह के अंदर बदल दिया जाएगा। जबकि इस पोल पर लगी सभी लाइने आज भी चालू है और इसी पोल पर रात के अंधेरे में स्ट्रीट लाइट भी अपनी रोशनी बिखेर रही है। एक माह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक बिजली विभाग द्वारा न तो पोल को बदला गया है और न ही इस पोल पर लगी लाइनों को बंद की गई। बिजली के इस खंभे के आगे से प्रतिदिन सैकड़ों स्कूल बसें गुज़रती है और मुख्य मार्ग होने के कारण स्कूली बच्चे भी बसों के इंतज़ार में इसी पोल के आस पास खड़े होते हैं। यदि खंभा गिर गया तो स्कूली छात्र भी उसकी चपेट में आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई और गुणवत्ता पूर्वक समाधान के लिए आईजीआरएस पोर्टल बनाया है जिसे सूबे में गुड गवर्नेस का आधार माना जा रहा था परंतु धरातल पर हक़ीक़त अलग ही दिखाई दे रही है। आज भी सरकारी विभागों द्वारा पोर्टल पर बड़े पैमाने पर शिकायतों का फ़र्ज़ी निस्तारण किया जा रहा है। जिससे विभागों की रैंकिंग भी ख़राब हो रही है। लगातार फ़र्ज़ी निस्तारण की शिकायतों पर शासन ने रैंकिंग का तरीक़ा तक बदल दिया है। नई रैंकिंग व्यवस्था के तहत जिस विभाग से संबंधित शिकायत है उस विभाग के विभागाध्यक्ष को शिकायतकर्ता को कॉल कर संपर्क करना आवश्यक कर दिया गया है परंतु इस सबके बावजूद भी शिकायतकर्ता को फ़ोन करना तो दूर सरकारी विभाग फ़र्ज़ी आख्या लगाने में आज भी पीछे नही है।
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