Ghaziabad News: कानून-व्यवस्था की एक और बड़ी चूक सामने आई है। थाना परिसर के बाहर एक युवक की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान रवि शर्मा के रूप में हुई है। यह वारदात उस वक्त हुई जब रवि के पिता थाने के अंदर दो युवकों – मोंटी और अजय – के खिलाफ शिकायत दे रहे थे। हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और रवि को गोली मारकर मौके से फरार हो गए।
बताया जा रहा है कि यह पूरी घटना एक मामूली कार हटाने के विवाद से शुरू हुई थी। पहले हमलावरों ने रवि के घर पर फायरिंग की थी, जिसके बाद रवि और उसके पिता शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे थे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि शिकायत दर्ज होने से पहले ही रवि की थाने के गेट पर हत्या कर दी गई।
इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस कमिश्नर के आदेशों और गाजियाबाद में लागू की गई बीट प्रणाली की जमीनी हकीकत इस वारदात ने उजागर कर दी है। बीट प्रणाली का उद्देश्य क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति और सक्रियता बनाए रखना था, जिससे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके और आम जनता में सुरक्षा की भावना पैदा हो। लेकिन न बीट कांस्टेबल कहीं नजर आए, न ही किसी अधिकारी ने समय रहते कोई कार्रवाई की।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीट प्रणाली सिर्फ कागजों में सिमटी हुई है। अगर बीट अधिकारी और संबंधित पुलिसकर्मी समय पर सतर्क होते, तो शायद एक बेटे की जान बचाई जा सकती थी। घटना के वक्त थाना परिसर के बाहर मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और डायल 112 की टीम ने भी कोई तत्परता नहीं दिखाई।
यह मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि पूरे पुलिस सिस्टम की नाकामी का प्रतीक बन गया है। सवाल यह भी उठता है कि जब थाने के बाहर कोई सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता कहां सुरक्षित महसूस करेगी।
