GDA: गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम योजना के लगभग 50,893 भवन स्वामी जीडीए का मेंटेनेंस चार्ज दबाए बैठे हैं। बता दें की इन भवनों के स्वामियों पर जीडीए का 95.42 करोड़ रूपए का कर्ज बकाया है। बकाया वसूली के लिए नगर निगम जल्द ही भवन स्वामियों को नोटिस जारी करेगा। बता दें कि इंदिरापुरम योजना गाजियाबाद नगर निगम को हैंड ओवर हो चुकी है, धीरे- धीरे तमाम जिम्मेदारियां जीडीए से नगर निगम को ट्रांसफर हो रही हैं।
योजना के रखरखाव के लिए होता है चार्ज
GDA: इंदिरापुरम योजना का रखरखाव करने के जीडीए मेंटेनेंस चार्ज यानि अनुरक्षण शुल्क वसूलता था, जिसमें पानी, सीवर, सड़क पार्क आदि का टैक्स शामिल किया गया था। वसुंधरा जोन प्रभारी सुनील राय ने बताया कि शुक्रवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने बकायदारों की सूची गाजियाबाद नगर निगम को सौंप दी है। अब बकाया वसूली के लिए गाजियाबाद नगर निगम की ओर से इन भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
185 करोड़ से होंगे विकास कार्य
GDA: जानकारी के लिए बता दें की इंदिरापुरम योजना के साथ गाजियाबाद नगर निगम को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से 185 करोड़ रुपये की राशि भी मिली है। यह राशि इंदिरापुरम में विकास कार्यों पर खर्च होगी। इंदिरापुरम में सबसे बड़ी समस्या सीवर की है। जीडीए ने नगर निगम को 50 करोड़ रुपये की राशि सड़कों के निर्माण और इतनी ही राशि नाले नालियों के निर्माण के लिए देने की बात तय की है।
शहर को साफ़ रखने में आम नागरिक की क्या भूमिका है ?
GDA: शहरों की सफाई में आम नागरिक का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। हम सभी जानते हैं कि एक साफ और सुंदर शहर न केवल हमारी सेहत के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी आवश्यक है। नागरिकों का कर्तव्य है कि वे खुद भी सफाई रखें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
GDA: पहला कदम नागरिकों को कूड़ा-कचरा सही जगह पर डालने की आदत डालनी चाहिए। सड़कों, गलियों, और सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फैलाने से बचना चाहिए। इसके अलावा, कचरा प्रबंधन में सहयोग देना भी जरूरी है। नागरिकों को कचरे को वर्गीकृत करने, रिसायकल करने और बायो-डेग्रेडेबल कचरे को अलग रखने की आवश्यकता है।
GDA: शहरों में जल निकासी की व्यवस्था और सैनेटरी प्रबंधन में भी आम नागरिकों की भूमिका अहम है। गंदगी फैलाने और जल-जमाव की स्थिति से बचने के लिए नागरिकों को नियमित रूप से नालों और drains की सफाई करनी चाहिए।
GDA: इसके साथ ही, अगर नागरिक सार्वजनिक स्थानों पर सफाई अभियान चलाते हैं या स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाते हैं, तो उनका योगदान और भी बड़ा हो जाता है।
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