Operation Sindoor : पहलगाम आतंकी हमले के 16 दिन बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है। भारत ने बुधवार तड़के की गई इस सैन्य कार्रवाई की जानकारी अमेरिका, रूस, ब्रिटेन समेत कई वैश्विक शक्तियों को भी आधी रात को दे दी। भारतीय वायुसेना और सशस्त्र बलों ने PoK और पाकिस्तान की सीमा के भीतर लगभग 100 किलोमीटर अंदर तक गहरे जाकर यह कार्रवाई की। खुफिया जानकारी के आधार पर इन आतंकी ठिकानों की पहले पहचान और निगरानी की गई थी, जिसके बाद इन पर सटीक हमले किए गए।
Operation Sindoor : किसे बनाया गया निशाना?
ऑपरेशन में जिन 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के मुख्यालय और ट्रेनिंग कैंप शामिल हैं। बहावलपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी अंदर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय पूरी तरह तबाह कर दिया गया। यह संगठन भारत में कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। मुरीदके में सांबा सेक्टर से 30 किमी अंदर लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य कैंप ध्वस्त किया गया, जहां से 26/11 मुंबई हमले के आतंकियों को भेजा गया था। गुलपुर में पुंछ-राजौरी एलओसी से 35 किमी अंदर स्थित कैंप को खत्म किया गया, जो अप्रैल 2023 और जून 2024 के आतंकी हमलों से जुड़ा था। तंगधार सेक्टर में पीओके में स्थित सवाई कैंप को नष्ट किया गया, जो सोनमर्ग, गुलमर्ग और हालिया पहलगाम हमलों में शामिल था। बिलाल कैंप में जैश-ए-मोहम्मद का यह लॉन्चपैड भी निशाने पर रहा। कोटली कैंप में राजौरी एलओसी से 15 किमी अंदर लश्कर का बमबारी प्रशिक्षण केंद्र नष्ट किया गया। बरनाला कैंप में एलओसी से महज 10 किमी अंदर हिज्बुल का ट्रेनिंग सेंटर। सरजाल कैंप में सांबा-कठुआ के सामने 8 किमी अंदर जैश का ठिकाना। महमूना कैंप में सियालकोट के पास हिज्बुल का प्रशिक्षण केंद्र भी पूरी तरह समाप्त किया गया।
Operation Sindoor : अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दी गई जानकारी
भारत ने इस कार्रवाई से पहले और बाद में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन जैसे बड़े देशों को सूचित किया है। यह कदम भारत की पारदर्शिता और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आपको बता दें कि इन सभी आतंकी कैंपों का सीधा संबंध भारत में हालिया और पूर्ववर्ती आतंकी हमलों से था। इन्हें चुनना रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम था ताकि भविष्य में होने वाले हमलों की जड़ को समाप्त किया जा सके।
