Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इस निर्णय के बाद से अटारी-वाघा सीमा पर हर दिन भावनात्मक दृश्य देखने को मिल रहे हैं। कई ऐसे परिवार हैं जिनके रिश्ते सीमा के दोनों ओर फैले हुए हैं, और अब वे इस असमंजस की स्थिति में हैं कि आगे क्या होगा। ऐसी ही एक कहानी है ओसामा की, जो 2008 में पाकिस्तान के रावलपिंडी से भारत आए थे और तब से जम्मू-कश्मीर के उरी में रह रहे हैं। ओसामा इस समय एक कॉलेज स्टूडेंट हैं और अपनी बैचलर डिग्री के फाइनल सेमेस्टर की तैयारी कर रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए ओसामा ने कहा कि अभी मैं कुछ सोच नहीं पा रहा हूं। मेरा फाइनल सेमेस्टर चल रहा है, जून में परीक्षा है। मैंने यहीं से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की है, डॉक्यूमेंट्स, आधार, राशन कार्ड, डोमिसाइल—सब भारत के ही बने हैं। अब मैं कहां जाऊं? ओसामा ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ लीगल वीजा पर भारत आए थे और तय नियमों के तहत वीजा स्टे करवाया था। हमें हाल ही में पुलिस स्टेशन उरी से फोन आया। वहां जाकर जानकारी मिली कि हमें देश छोड़ना है। हम यहां 17 सालों से रह रहे हैं, लेकिन अब अचानक से यह सब हो रहा है।
Pahalgam Terror Attack : सरकार से अपील थोड़ा समय और दिया जाए
ओसामा ने भारत सरकार से भावुक अपील करते हुए कहा कि हमारी अपील है कि सरकार व्यावहारिक रूप से इस स्थिति को देखे। कई परिवार 20-30 वर्षों से भारत में रह रहे हैं। कृपया कुछ मोहलत दें, ताकि हम अपनी पढ़ाई और जरूरी कार्य पूरे कर सकें। हम किसी अवैध रास्ते से नहीं आए, न ही कभी किसी गलत काम में लिप्त रहे। इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले** पर प्रतिक्रिया देते हुए ओसामा ने कहा कि सबसे पहले हम इंसान हैं। इस घटना की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यह न केवल भारत, बल्कि पूरी इंसानियत के खिलाफ है। सरकार को ऐसे हमलों के दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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