UP News : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के गठन को लेकर गंभीर आपत्तियाँ जताई हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने करीबी सहयोगियों को मंदिरों के प्रबंधन में शामिल कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। सपा प्रमुख ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि मंदिरों को सरकारी प्रशासन के भ्रष्टाचार से बचाया जाए! उनका कहना है कि भाजपा सरकार परोक्ष रूप से बड़े मंदिरों के संचालन पर नियंत्रण स्थापित कर रही है, जिससे परंपरागत रूप से इन मंदिरों की सेवा में लगे लोगों के अधिकार छीने जा रहे हैं।
UP News : सेवाभाव वालों से छीना जा रहा हक़
अखिलेश यादव ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से श्रद्धा और सेवा-भाव से मंदिरों का संचालन करने वाले लोगों को अपदस्थ कर, उनकी निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का उद्देश्य परंपरागत व्यवस्थाओं को दरकिनार कर ‘प्रशासनिक कब्ज़ा’ स्थापित करना है। सपा अध्यक्ष ने मंदिरों में होने वाले दान और चढ़ावे के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि कुछ प्रकरणों में यह तक देखा गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर में चढ़ाए गए बेलपत्रों को भी बेचकर भ्रष्टाचार किया। उनका मानना है कि पेशेवर या बाहरी व्यक्ति मंदिर की धार्मिक भावना को नहीं समझते और श्रद्धा को भी लाभ-हानि की दृष्टि से देखते हैं।
UP News : धर्म कमाई के लिए नहीं, भलाई के लिए होता है
कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्म का उद्देश्य जनकल्याण होता है, न कि व्यावसायिक लाभ। उन्होंने लिखा कि भाजपा और उनके धनलोलुप संगी-साथी याद रखें कि धर्म भलाई के लिए होता है, कमाई के लिए नहीं। अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह एक-एक करके सभी प्रमुख मंदिरों को प्रशासनिक नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि शासन के अधिकारी, जिनका स्थानांतरण कभी भी हो सकता है, वे उस गहरी आस्था और समर्पण को नहीं समझ सकते, जो किसी ट्रस्ट या परंपरागत न्यासी में होता है।
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