मंगलवार 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कट्टरवादी आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए और 17 घायल हुए है। जिनमें 25 भारतीय तथा एक नेपाली नागरिक शामिल थे। गौरतलब है कि पहलगाम को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है। घटना के बाद से देश के लोगों में इस आतंकी घटना को लेकर रोष है। देश सरकार से इस कायरतापूर्ण घटना का बदला लेने की मांग कर रही है।
उच्च स्तरीय बैठकें
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी तथा वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह के साथ हाई लेवल मीटिंग की है। बैठक में स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों के समन्वय से संयुक्त कमान स्थापित करने तथा खुफिया तंत्र को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। साथ ही, भारत-पाक सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त चौकसी बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस प्रकार के हमले करने वाले आतंकियों के खिलाफ खुफिया संचालन में तेज़ी लाने की वकालत की है।
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा बीच में रद्द कर आज सुबह नई दिल्ली लौट गए। उन्होंने एय़रपोर्ट पर ही उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिश्री एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मॉनिटरिंग रूम से हमले और बचाव कार्य की लाइव जानकारी दी । गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिजनों से मिलकर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशी एवं विदेशी निकायों से समर्थन मांगा और पाक अधिकृत क्षेत्रों में आतंकियों के पनाहगारों को बंद करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
सुरक्षा व्यवस्थाएं और आगे की रणनीति
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ड्राइव और आईटीबीपी बलों को भी विशेष गस्त का हिस्सा बनाया गया है तथा स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है। शाम को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक बुलाई गई, जिसमें सीमा पार से आतंकवादियों की लघु और दीर्घकालिक योजनाओं पर विचार किया जाएगा। हमले की जिम्मेदारी “कश्मीर रेजिस्टेंस” समूह ने ली है, जिसने क्षेत्रीय जनसंख्या परिवर्तन के विरोध का हवाला दिया है। सरकार ने हमलावरों व उनके मददगारों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई का संकल्प दोहराया है।
आर्थिक प्रभाव
पहलागाम पर इससे पहले 2000 में नुनवन क्षेत्र में आतंकवादी हमले में 32 लोग मारे गए थे, जबकि 1995 में विदेशी पर्यटकों का अपहरण किया गया था। इस इलाके में पर्यटन से सालाना करोड़ों रुपये का कारोबार होता है, जो इस घटना के बाद ठहराव का सामना कर सकता है। एयरलाइंस ने सुरक्षा कारणों से विशेष उड़ानें संचालित कर पर्यटकों को सुरक्षित निकासी का प्रबंध किया है, जबकि राज्य सरकार ने होटल बुकिंग पर 50% छूट देने का प्रस्ताव रखा है। स्थानीय व्यापारियों ने चिंता व्यक्त की है कि अगर तालाबंदी लंबी खिंची तो रोजगार और राजस्व दोनों प्रभावित होंगे।
