Ghaziabad News: गाजियाबाद में आवारा और पालतू कुत्तों के हमलों की घटनाओं में हाल के वर्षों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जिससे नागरिकों में भय का माहौल बन गया है। यह समस्या अब केवल गली-मोहल्लों तक सीमित नहीं रही, बल्कि सोसायटी की लिफ्टों और अस्पताल परिसरों तक फैल गई है।आपको बता दें की जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 के बीच, गाजियाबाद में 23,452 लोग कुत्तों के हमलों का शिकार हुए।जबकि जनवरी से मई 2024 के बीच, गाजियाबाद में कुत्ते के काटने के मामलों में 65% की वृद्धि हुई, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में है। इस दौरान, 47,835 मामले दर्ज किए गए।
रैबीज के प्रारंभिक लक्षण
Ghaziabad News: 1 अत्यधिक लार आना: रैबीज वायरस गले की मांसपेशियों को प्रभावित करता है, जिससे निगलने में कठिनाई होती है और लार की मात्रा बढ़ जाती है। यह स्थिति “foaming at the mouth” के रूप में भी जानी जाती है।
2 निगलने में कठिनाई: गले की मांसपेशियों में ऐंठन के कारण भोजन या पानी निगलना मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति इतनी तीव्र हो सकती है कि व्यक्ति पानी से डरने लगता है, जिसे हाइड्रोफोबिया (Hydrophobia) कहा जाता है।
3 गले में खराश: संक्रमण के शुरुआती चरण में गले में जलन या खराश महसूस हो सकती है, जो सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी प्रतीत होती है।
4 बुखार होना: रैबीज के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और सामान्य अस्वस्थता शामिल हो सकती है, जो संक्रमण के संकेत हैं।
रैबीज के फैलने की प्रक्रिया
Ghaziabad News: रैबीज का वायरस मस्तिष्क तक फैल सकता है, जिससे एंसेफलाइटिस होता है और इसके बाद मृत्यु हो जाती है। काटने वाली जगह पर सुनपन, चिंता, भ्रम, अनिंद्रा और यहां तक कि आंशिक पक्षाघात और कभी-कभी कोमा जैसे लक्षण रैबीज के संकेत हैं।
प्रशासनिक उपाय और चुनौतियाँ
Ghaziabad News: 1 सितंबर 2023 में, गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24×7 एंटी-रेबीज वैक्सीन की सुविधा शुरू करने का
निर्णय लिया, जिससे आपातकालीन स्थिति में तुरंत उपचार संभव हो सके ।
2 नसबंदी और टीकाकरण के प्रयासों के बावजूद, कुत्तों की बढ़ती संख्या और हमलों की घटनाएं प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।
अधिकारियों ने 62 अति संवेदनशील क्षेत्रों में जागरूकता अभियान शुरू किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है ।
