World Suicide Prevention Day : हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद आत्महत्या जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर जागरूकता फैलाना और लोगों को समय पर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
आत्महत्या की घटनाएं अक्सर मानसिक तनाव, अवसाद, पारिवारिक कलह, नशे की लत, या सामाजिक दबाव जैसे कारणों से सामने आती हैं।
World Suicide Prevention Day : जेल प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा अभियान
समाज के विभिन्न वर्गों की तरह, जेलों में बंद बंदी भी इन समस्याओं से अछूते नहीं हैं। ऐसे में, जेल प्रशासन द्वारा आत्महत्या रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास न केवल सराहनीय हैं, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी पेश करते हैं।
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World Suicide Prevention Day : डासना जेल: एक सकारात्मक पहल का उदाहरण
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित डासना जेल, जहां लगभग 4000 बंदी हैं, आत्महत्या रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जेल के बंदी अक्सर मानसिक तनाव, अकेलापन, और भविष्य को लेकर अनिश्चितता से जूझते हैं।

डासना जेल के अधीक्षक सीता राम शर्मा के अनुसार, इन प्रयासों के परिणामस्वरूप जेल में आत्महत्या की कोई भी घटना सामने नहीं आई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो दर्शाती है कि सही दृष्टिकोण और समय पर हस्तक्षेप से इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सकता है।

World Suicide Prevention Day : चेतावनी संकेतों को पहचानना जरुरी
वरिष्ठ मनोचिकित्सकों का कहना है कि आत्महत्या को रोकने के लिए चेतावनी संकेतों को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। इन संकेतों में अचानक मूड में बदलाव, अकेले रहने की इच्छा, निराशा भरे विचार, या असामान्य व्यवहार शामिल हो सकते हैं। जेल जैसे बंद वातावरण में इन संकेतों पर नजर रखना और तुरंत कदम उठाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हमें याद दिलाता है कि हर जीवन मूल्यवान है, और समाज के हर हिस्से, चाहे वह जेल हो या बाहर का समाज, में मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। डासना जेल जैसे संस्थानों द्वारा उठाए गए कदम न केवल बंदियों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे रहे हैं कि सही देखभाल और समर्थन से आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
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