Ghaziabad Big Update: साहिबाबाद थाना पुलिस की जांच में यह बात साफ़ हो गयी है की राजू ग़ाज़ियाबाद आने से पहले पांच महा तक देहरादून रहा था देहरादून के लोहिया नगर निवासी कपिलदेव शर्मा ने राजू को अपने बेटे के रूप में अपना लिया था तो अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया। जब उसे देहरादून के परिवार ने अपना बेटा मान लिया था तो उसे वहां से भागने की जरूरत क्या थी और क्या वह कहीं और भी ऐसा कर चुका है।
पोल खुलते ही बदल गए तेवर
Ghaziabad Big Update: राजू की पोल खुलते ही उसके तेवर बदल गए अब राजू ना तो देहरादून वाले परिवार के साथ रहने को तैयार है और न तो ग़ाज़ियाबाद वाले परिवार के साथ। साथ हे उसने हाथ जोड़ कर पुलिस से यह भी कहा है की मैं झाड़ू-पोंछा कर लूंगा, पर मुझे थाने में ही रहने दो, अब किसी के साथ नहीं जाऊंगा, न किसी का बेटा होने का दावा करूंगा, अगर थाने में न रख पाओ तो जेल भेज दो। राजू की यह बात सुनकर पुलिस का शक और गहरा हो गया।
खोड़ा परिवार ने रखने से किया इनकार
Ghaziabad Big Update: राजू ने देहरादून में फ़ोन के इस्तेमाल किया था इस बात का खुलासा तो पहले ही हो चुका था पुलिस ने राजू का फ़ोन नंबर पता कर लिया है, इससे पता लग जाएगा की वह किसके साथ संपर्क में था, साथ हे खोड़ा के परिवार ने उसे रखने से साफ़ इनकार कर दिया है। उनका कहना है की डीएनए टेस्ट के बाद अगर यह साबित होता है की वह उनका बीटा है तो ही वह लोग उसे रखेंगे।
मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई
Ghaziabad Big Update: डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल का कहना है कि राजू को थाने में ही रखा गया है। उसके मोबाइल की काॅल डिटेल निकलवाई गई है। शहीदनगर का परिवार अपने खर्च पर डीएनए टेस्ट के लिए राजी है। इस मामले का सच जल्द ही सामने आ जाएगा।
झूठी है राजू की कहानी
Ghaziabad Big Update: जानकारी के लिए बता दें की राजू 24 नवंबर को खोड़ा पहुंचा था। उसने बताया था कि 12 साल की उम्र में उसका यहां से अपहरण हुआ था। 20 साल उसे जैसलमेर में बंधक बनाकर रखा गया था। तीन दिन बाद शहीद नगर निवासी लीलावती ने उसे अपने लापता बेटे के रूप में पहचाना था। तब राजू ने कहा कि वह 31 साल पहले लापता हुआ था। लीलावती और उनके परिवार के लोग राजू को अपना बेटा मानकर खुश हो ही रहे थे की एक दिसंबर को देहरादून से कपिल देव शर्मा और उनकी पत्नी आशा शर्मा ने शहीदनगर पहुंचकर बताया कि राजू की कहानी झूठी है।
पांच महीने तक देहरादून में रहा
Ghaziabad Big Update: राजू ग़ाज़ियाबाद आने से पहले पांच महीने तक उनके पास रहा था। राजू उन्हें भी उन्हें भी उनके लापता हुए बेटे के ही रूप में मिला था। दिल्ली में काम के बहाने भाग गया था। इस पर पुलिस ने पूछताछ की तो वह चुप्पी साध गया। पुलिस उसे थाने ले आई तो जिद करने लगा कि अब कहीं नहीं जाएगा । पुलिस ने जब उसपर सख्ती दिखाई तो उसने कुबूल किया कि वह देहरादून में भी रहा था।
Author: Aniruddh
अनिरुद्ध श्रीवास्तव हिंदी खबरों को सोशल मीडिया और आम जनता तक पहुंचाने में विशेष महारत रखते हैं। मास कम्युनिकेशन से ग्रेजुएट होने के बाद इन्होंने उत्तरप्रदेश के कई दिग्गजों के साथ काम किया व उनसे मार्गदर्शन भी लिया। पिछले 4 वर्षों से अनिरुद्ध मीडिया में हैं। इस समय वह कानून-व्यवस्था और प्रशासन देख रहे हैं। इनसे संपर्क करने के लिए:- aniruddhashrivastav786@gmail.com