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Tariff War : भारतीय अमेरिका को मानने लगे अपना दुश्मन, चीन के लिए दिखा रहे नर्मी

Tariff War

Tariff War : ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर  लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ स्वयं अमेरिका में विरोध हो रहा है। बता दें कि जैक सुलिवन ने अमेरिकी प्रशासन की जमकर आलोचना की है।

उन्होंने भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को गलत और अव्यावहारिक बताया है। उन्होंने चिंता जताई है कि अमेरिका के इस कदम से ब्रिक्स और अधिक मजबूत होगा।उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है।

Tariff War : पूर्व एनएसए ने दिखाया आईना

जैक सुलिवन पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन में एनएसए रह चुके हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि पिछले दो दशकों के दौरान भारत को चीन और रूस से अलग रखने में अमेरिका कामयाब रहा था। इस दौरान अमेरिका में डेमोक्रेटिक सरकार हो या रिपब्लिक सरकार दोनों ही सरकारों ने भारत के साथ संबंधों में गहराई लाने का प्रयास किया था। इसकी शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल से शुरु हुई। इसके बाद ओबामा प्रशासन ने इसे आगे बढ़ाया, बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी भारत के साथ मजबूत रिश्ते रहे और जोई बाइडन प्रशासन ने अमेरिका के हितों को देखते हुए भारत को चीन, रुस के खेमे में नहीं जाने दिया।

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Tariff War : भारत-पाक युद्धविराम का चाहिए था क्रेडिट

जैक सुलिवन ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध विराम का क्रेडिट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेना चाहते थे लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा नहीं होने दिया। जिसके परिणाम स्वरूप भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और 25 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ लगा दिया गया है। भारत पर लगे 50 प्रतिशत टैरिफ का असर आने वाले समय में दिखाई देगा।

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Tariff War : नजदीक आ रहे भारत और चीन

अमेरिका और भारत के बीच बनी इस दूरी का लाभ लेने के लिए चीन ने भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। इस टैरिफ से भारत और चीन के रिश्तों में एक बार फिर से सरगर्मी दिखाई दे रही है। दोनों ने व्यापार बढ़ाने और बॉर्डर पर आपसी सहमति बनाने की दिशा में बात शुरु कर दी है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ गया था। जब गलवान वेली में दोनों देशों आपस में भिड़ गए थे।

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Tariff War : ब्रिक्स संगठन को मिल सकती हैं मजबूती

ट्रंप प्रशासन ने भारत पर दंडात्मक टैरिफ लगाकर उसे अमेरिका से दूर कर दिया है। अब भारत और चीन के रिश्तों में नरमी देखी जा सकती है। अमेरिका को डर था कि रूस, चीन और भारत एक साथ मिलकर एक बड़ा ब्लॉक बना सकते हैं। क्योंकि ये तीनों देश ब्रिक्स संगठन का भी हिस्सा हैं। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाकर ब्रिक्स संगठन को मजबूती देने का कार्य किया है। हाल ही में ट्रंप प्रशासन की दंडात्मक टैरिफ से भारत के लोगों में अमेरिका के विरुद्ध गुस्सा है।हाल के दिनों में दुनिया के देशों का विश्वास अमेरिका से उठा है और चीन इन मौके को दोनों हाथों से लपकने की कोशिश कर रहा है। जिसमें वह कुछ हद तक सफल होता भी दिखाई दे रहा है।

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