रिपोर्टर- सचिन कश्यप
Police Transfer : गाजियाबाद में ट्रांसफर में गड़बड़ी की खबर सामने आई है। दरअसल गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में ट्रांसफर का आदेश सिर्फ़ काग़ज़ों तक ही सीमित रह गया है।
कई पुलिसकर्मी और चौकी इंचार्ज जिन्हें महीनों पहले दूसरी जगह भेजा जा चुका है, आज भी अपनी पुरानी कुर्सियों पर जमे हुए मलाई काट रहे हैं।
Police Transfer : दबंगई से पुराने पदों पर जमे
सूत्रों के मुताबिक़, लोनी के चारों थानों में ऐसे कई सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कॉन्स्टेबल मौजूद हैं जिनका ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन “सेटिंग–बाज़ी” और दबंगई के दम पर वह अपनी पुरानी पोस्ट से हटने का नाम नहीं ले रहे।

Police Transfer : बिना वेतन के भी काम भी जुटे
कुछ चौकी इंचार्ज ऐसे भी हैं जिनका वेतन तकनीकी कारणों से रोक दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि 4–5 महीने से बिना वेतन लिए तैनाती पर डटे ये अधिकारी अपने खर्चे कैसे चला रहे हैं? सवाल उठना लाजिमी है कि जब वेतन नहीं मिल रहा, तब निजी ख़र्चों की भरपाई आखिर किस सोर्स से हो रही है। यह छवि को संदिग्ध ही नहीं बल्कि गंभीर सवालों के घेरे में खड़ा करता है।
Police Transfer : क्या मौन हैं उच्च अधिकारी ?
कहा जा रहा है कि इस पूरी “खेल” में ऊपरी सेटिंग, चमचागिरी और दबाव राजनीति खुलकर हावी है। ऐसे में ईमानदार पुलिसकर्मी हाशिये पर धकेले जा रहे हैं और जनता के बीच पुलिस विभाग की साख पर बट्टा लग रहा है। पुलिस कमिश्नर से जनता की मांग है कि ऐसे मामलों पर तत्काल कार्रवाई हो और ट्रांसफर आदेश को हर हाल में लागू कराया जाए।
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