यह है पूरा मामला
गाजियाबाद में वृक्ष काटना काफी आसान कार्य है। हरा भरा वृक्ष काटने के बाद आप इसे आसानी से ठिकाने लगा सकते है। मामला राजनगर के सेक्टर दो का है यहां एक जामुन का हरा-भरा वृक्ष काट दिया गया। पुलिस और वन विभाग में शिकायत करने के बाद भी आरोपी पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लगता है कि गाजियाबाद में हरे भरे वृक्षों की किसी को चिंता नहीं है।
सबसे प्रदूषित शहर
गाजियाबाद दिल्ली एनसीआर के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। शहर में सभी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन जीवन के लिए आवश्यक स्वच्छ वायु नही है। सरकार हरे भरे वृक्षों को बचाने के लिए काफी कोशिश करती है लेकिन कुछ अधिकारियों के कारण शहर में बचे हरे भरे वृक्षों को काटा जा रहा है। जिसके लिए सबसे बड़े जिम्मेदार ऐसे अधिकारी है जिनके कंधों पर इन वृक्षों को बचाने की जिम्मेदारी सरकार ने दी है।
अधिकारियों की लापरवाही
शिकायत मिलने के बाद भी इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि देखी जा सकती है। जिला वन अधिकारी को भी इस विषय में सूचित किया गया है। लेकिन अधिकारी कानून का पाठ पढ़ा कर शिकायत कर्ता को वापस भेज देते है। इस विषय में गाजियाबाद के ग्रीन मैन विजयपाल बघेल ने बताया कि यह एक गंभीर विषय है और वृक्षों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। शहर में हरियाली की कमी से हर साल फेफड़े और सांस से जुड़ी बीमारी से लोग बीमार पड रहे है। डीएफओ ईशा तिवारी को जब इस विषय में बताया गया तो उन्होंने आरोपियों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की।