Ghaziabad Nagar Nigam: गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है। यह औधोगिक नगरी के रूप में जाना जाता है। यहां से होने वाली कमाई का एक बड़ा भाग प्रदेश के विकास पर खर्च होता है। गौरतलब है कि प्रदेश की सूरत को चमकाने वाले इस शहर के हिस्से में टूटी सड़कें आती हैं। यहां की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के बीच में स्थित सड़के किसी गांव की यादें ताजा कर देती हैं। लोगों की शिकायतों के बाद भी वर्षों से सड़क निर्माण ही नहीं हुआ है।
यह है पूरा मामला
गाजियाबाद शहर की खूबसूरती के किस्से आपने गाजियाबाद नगर निगम के द्वारा लगाने गए साइन बोर्ड पर तो कई जगह पढ़े होंगे, लेकिन धरातल पर सच्चाई इससे बिल्कुल उल्ट दिखाई देती है। नगर निगम के द्वारा सड़क निर्माण की यही गति रही तो पूरे गाजियाबाद शहर में सड़क निर्माण के लिए अभी कई दशक लग सकते हैं। नगर निगम में बैठे सरकारी अधिकारी विभाग में आने वाली शिकायतों का निस्तारण करने में जिस प्रकार की महारत रखते वह अपने आप में काबिले तारीफ है।
अधिकांश फरियादियों की शिकायत रही है कि अधिकारियों द्वारा प्रार्थनापत्रों का निस्तारण और निवारण केवल फाइलों तक ही सिमटकर रह जाता है। इसके बावजूद पता नहीं क्यों शहर के लोगों द्वारा लगातार इस प्रकार की प्रार्थना पत्र लगातार विभाग में दिये जाते हैं।
मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र का मामला
मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में दशकों पहले बनी सड़के अब लगभग गायब हो चुकी हैं। सड़कों की मरम्मत के लिए स्थानीय लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों को कई बार शिकायत पत्र भेजे। गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने मिलने वाली शिकायतों पर रात दिन कार्य किया और परिणाम यह रहा कि अब यहां सड़क में बने गड्ढे पूरी तरह से समाप्त हो चुके है। अब यहां सड़क ही नहीं बची है बल्कि पूरी सड़क टूट चुकी है और सड़क के नाम पर धूल और गड्ढायुक्त देहाती पगडंडी बची है।
शहर की पगडंडी
पूरा मामला शहर के बीच बने मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र का है। इस क्षेत्र में स्थित ए ब्लॉक की सड़क पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। अब यहां सड़क के अवशेष भी नहीं बचे हैं। यहां केवल सड़क के नाम पर एक कच्चा रास्ता बचा है। जो किसी जंगल के रास्ते की याद दिलाता है। वक्त के साथ इन कच्चे रास्तों में गहरे गड्ढे बन चुके है। वर्षा ऋतु के दौरान इन गड्ढों में बारिश का पानी भर जाता है। इस दौरान यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए अक्सर हादसे का शिकार बन जाते है।
दस वर्षों तक चली शिकायत का असर
मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र के ए ब्लॉक कंपाउंड के अध्यक्ष केवीएस त्यागी ने बताया कि ए ब्लॉक कंपाउंड में वर्ष 2000 में सड़क बनी थी इसके कुछ वर्षों के बाद सड़क जगह-जगह से टूटने लगी, जिसकी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों को दी गई। नगर निगम के अधिकारी बजट का बहाना बनाकर इस मामले को टालते चले गए। अब हालत यह है कि यहां बनी सड़क पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।
सड़कों की दुर्दशा
वर्तमान में सड़क का कोई नामोनिशान यहां नहीं बचा है। यहां स्थित कंपनियों में सैकड़ों लोग कार्य करते हैं। बरसात के दिनों में यहां से गुजरना उनके लिए अपने आप में एक चुनौती भरा कार्य रहता है। कई बार पानी से भरे गड्ढे में गिरकर राहगीरों को चोट भी लग चुकी है। अब स्थानीय लोगों ने भी विभाग में शिकायती पत्र भेजने इसलिए बंद कर दिए हैं क्योंकि अधिकारियों को शिकायती पत्र का जवाब लिखने में किसी प्रकार का विशेष कष्ट न हो।
