रिपोर्टर – फारुख सिद्दीकी
Ghaziabad News : वार्ड नंबर 63 के अंतर्गत आने वाले गाँव पसोंडा में सीवर लाइन डालने का कार्य बीते दिनों शुरू किया गया था। नगर निगम और ठेकेदारों की ओर से दावा किया गया था कि सीवर व्यवस्था बेहतर करने के बाद क्षेत्र के लोगों को गंदगी, बदबू और जलभराव से निजात मिलेगी। लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है।
गांव की कई गलियों में सीवर लाइन तो बिछा दी गई है, परंतु सड़क और गलियों की मरम्मत नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ से रास्ते पटे पड़े हैं। लोगों का कहना है कि यह अधूरा कार्य उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी में बाधा बन गया है। ठेकेदारों की मनमानी और प्रशासनिक उदासीनता से हालात इतने खराब हैं कि बच्चों को स्कूल जाने में भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं, वहीं मंदिर और मस्जिद में जाने वाले श्रद्धालु भी परेशान हैं।
Ghaziabad News : अधूरा काम और टूटी सड़कें
वार्ड नंबर 63 की गलियों में सीवर लाइन डालने का काम शुरू तो तेजी से हुआ, परंतु जैसे ही पाइप डालने का काम पूरा हुआ, ठेकेदारों ने मरम्मत का कार्य रोक दिया। कई जगहों पर खुदाई के बाद मिट्टी को समतल नहीं किया गया, जिससे रास्तों में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। बारिश होने पर इन गड्ढों में पानी भर जाता है और गलियां तालाब जैसी दिखने लगती हैं।लोगों का कहना है कि गलियों की हालत ऐसी हो गई है कि पैदल चलना भी मुश्किल है। खासकर बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। बच्चों को कीचड़ और पानी से भरी गलियों से होकर स्कूल जाना पड़ रहा है। कई बार बच्चे फिसलकर गिर भी जाते हैं।

Ghaziabad News : धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वालों को दिक्कत
गाँव पसोंडा में कई मंदिर और मस्जिद स्थित हैं। सीवर लाइन के बाद टूटी हुई सड़कों के कारण वहां तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। श्रद्धालु और नमाज़ी दोनों ही लोग शिकायत कर रहे हैं कि बरसात के दिनों में जूते-चप्पल कीचड़ में धंस जाते हैं और स्वच्छता की हालत बेहद खराब हो गई है। एक स्थानीय बुजुर्ग ने बताया, “हम रोज़ मंदिर जाते हैं, लेकिन अब रास्ता इतना गंदा और टूटा हुआ है कि पैदल जाना मुश्किल हो गया है। बरसात के दिनों में तो घर से बाहर निकलना ही खतरे से खाली नहीं है।”

Ghaziabad News : ठेकेदारों की मनमानी और लापरवाही
गांव के निवासियों का कहना है कि सीवर लाइन डालने का काम जिस ठेकेदार को दिया गया है, वह पूरी तरह मनमानी कर रहा है। काम पूरा होने के बाद गलियों की मरम्मत और सड़क निर्माण उसकी जिम्मेदारी थी, लेकिन वह इसे नजरअंदाज कर रहा है।
गांव के निवासी आशिक चौधरी ने बताया कि ठेकेदारों की लापरवाही की वजह से जनता परेशान है। उन्होंने कहा, “हमने कई बार अधिकारियों और ठेकेदारों से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गलियों में बने गड्ढों की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बुजुर्ग और महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द सड़क और गलियों की मरम्मत कराए।”

Ghaziabad News : जनता की अपील: “जल्द हो समाधान”
गाँव पसोंडा के लोग अब परेशान होकर शासन और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि यह समस्या लंबे समय तक बनी रही तो बीमारियों का खतरा और बढ़ जाएगा। जगह-जगह गड्ढों में गंदा पानी जमा होने से मच्छर पनपने लगे हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया का डर बना हुआ है। गांव के ही एक अन्य निवासी ने कहा, “सरकार ने सीवर लाइन तो डलवा दी, लेकिन सड़क की मरम्मत न होने से हालात और बिगड़ गए हैं। अगर जल्द ही सड़कों का काम पूरा नहीं हुआ तो हम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।”

Ghaziabad News : प्रशासन से सीधी अपील
निवासी आशिक चौधरी ने शासन-प्रशासन के अधिकारियों से अपील करते हुए कहा है, “मैं जिला प्रशासन, नगर निगम गाज़ियाबाद और जिम्मेदार अधिकारियों से निवेदन करता हूँ कि हमारी समस्या पर ध्यान दें। बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों का स्वास्थ्य और आम लोगों की सुविधा सबकुछ इस अधूरे काम की वजह से प्रभावित हो रही है। ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करते हुए तुरंत सड़क और गलियों की मरम्मत कराई जाए।”
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