Fire in Atiq Ahmed Office : अतीक की कार्यालय में लग गई आग
कहते हैं कर्म चाहे अच्छे हो या बुरे, उसका फल जरुर मिलता हैं। ये बात एक बार फिर सच साबित हुई । जब खुल्दाबाद से एक तस्वीर सामने आई । जिसमें प्रयागराज के पूर्व माफिया से नेता बने अतीक अहमद का पुराना कार्यालय धु-धुकर जलता दिखा। यह वही कार्यालय है, जिसे प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था। घटना के दौरान कार्यालय के भीतर से आग की तेज लपटें और धुआं उठता देखा गया, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। आग लगने के पीछे के कारणों की फिलहाल जांच की जा रही है, हालांकि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, वहां रखे कपड़े और पॉलीथिन में लगी चिंगारी के कारण यह घटना ठगी।
Fire in Atiq Ahmed Office : अतीक अहमद के कार्यालय का इतिहास और बुलडोजर कार्रवाई
प्रयागराज के खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के चकिया में स्थित यह कार्यालय कभी अतीक अहमद के काले कारनामों का गढ़ माना जाता था। यहीं से उसका दबदबा चलता था और कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत अतीक के इस अवैध कार्यालय पर बुलडोजर चलाकर इसे ध्वस्त कर दिया था। हालांकि, कार्यालय के कुछ हिस्से को पूरी तरह नष्ट नहीं किया गया था और इसे बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया था। कार्यालय में अतीक अहमद के परिवार से जुड़े कई कागजात, पुराने दस्तावेज और कुछ फर्नीचर मौजूद थे। उमेश पाल शूटआउट के बाद जब पुलिस ने इस जगह की तलाशी ली थी, तब यहां से भारी मात्रा में नकदी और हथियार बरामद किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने इसे पूरी तरह खाली घोषित कर दिया था। अब अचानक लगी आग ने एक बार फिर अतीक के इस पुराने अड्डे को सुर्खियों में ला दिया है।
आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आग आकस्मिक थी या इसके पीछे कोई साजिश है। पुलिस के मुताबिक, जिस तरह से आग लगी, उससे प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि वहां रखे कपड़े और पॉलीथिन में किसी कारणवश आग लग गई होगी। तेज हवा के कारण आग तेजी से फैली, लेकिन समय रहते दमकल कर्मियों ने इसे बुझा दिया। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही आग के असली कारणों का पता चल सकेगा।गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना तब हुई थी जब उन दोनों को प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था।
तभी तीन हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने अतीक अहमद के पूरे आपराधिक साम्राज्य को ध्वस्त करने की मुहिम तेज कर दी थी। अतीक और उसके परिवार की कई संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं, कई अवैध इमारतों को तोड़ दिया गया और उसके करीबियों पर कानूनी शिकंजा कसा गया।
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