Waqf Amendment Bill : लोकसभा में बुधवार दोपहर वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रश्नकाल के बाद इस विधेयक को सदन में चर्चा के लिए पेश किया। इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है, जबकि विपक्ष ने चर्चा का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग की। बिल पेश करते वक्त विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला।
विधेयक पर चर्चा करते हुए किरेन रिजिजू ने बताया कि इस बिल के खिलाफ अब तक कुल 97,27,772 याचिकाएं आई हैं, जो किसी भी बिल के खिलाफ आई याचिकाओं की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। उन्होंने यह भी कहा कि 284 डेलिगेशंस ने अलग-अलग कमेटियों के समक्ष अपनी बात रखी है और उनका मानना है कि बिल का सकारात्मक विरोध करने वाले भी इसे समर्थन देंगे।
Waqf Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक के दौरान सरकार ने मुसलमानों को पांच प्रमुख भरोसे दिए
1. मस्जिदों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी : किरेन रिजिजू ने यह स्पष्ट किया कि इस बिल में मस्जिदों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। यह केवल वक्फ संपत्ति से संबंधित मामला है, और धार्मिक संस्थानों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
2. धार्मिक स्थलों के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं होगा : सरकार ने स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन विधेयक में किसी भी धार्मिक स्थल, मस्जिद या मंदिर के प्रबंधन में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा।
3. धार्मिक कार्यकलापों में कोई दखल नहीं : इस विधेयक में धार्मिक कार्यकलापों के संचालन में हस्तक्षेप करने का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार किसी भी मस्जिद के संचालन में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है।
4. कलेक्टर से ऊपर कोई अधिकारी विवादित भूमि की देखरेख करेगा : सरकार ने यह बदलाव भी बताया कि वक्फ प्रॉपर्टी के निर्माण के दौरान किसी भी आदिवासी क्षेत्र में जाकर संपत्ति नहीं बनाई जा सकती। कलेक्टर से ऊपर कोई अधिकारी सरकारी और विवादित जमीन के विवाद को देखेगा।
5. विधेयक में गैर-मुसलमानों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान : वक्फ संशोधन विधेयक के तहत, ‘Centre of Council’ में कुल 22 सदस्य होंगे, जिनमें 4 सदस्य गैर-मुसलमान हो सकते हैं। इसके अलावा, संसद के तीन सदस्य भी इसमें चुने जाएंगे, जो किसी भी धर्म के हो सकते हैं।
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