UP News : एफआईआर करने पर प्रेमी के घर में घुसकर की मारपीट
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती ने सरकार की योजनाओं का फायदा उठाने और VDO की नौकरी पाने के लिए तीन अलग-अलग जातियों के फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए। युवती का यह गोरखधंधा तब सामने आया जब उसके बॉयफ्रेंड ने सोशल मीडिया के माध्यम से उसका भंडाफोड़ कर दिया। इस खुलासे के बाद जहां युवती पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, वहीं स्थानीय प्रशासन और जाति प्रमाणपत्र जारी करने वाली तहसील की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
UP News : जानें क्या हैं पूरी खबर ?
पूरा मामला बदायूं की उसहैत तहसील के नरपत नगला गांव का है, जहां रहने वाली प्रीति नामक युवती ने खटिक, यादव और जाटव – तीन अलग-अलग जातियों के फर्जी प्रमाणपत्र बनवा रखे थे। इन सर्टिफिकेट्स के आधार पर वह सरकारी योजनाओं का लाभ उठा चुकी थी और अब VDO की वैकेंसी में भी इसी आधार पर आवेदन करने जा रही थी। लेकिन तभी उसके बॉयफ्रेंड प्रमोद कुमार ने इसका विरोध किया। प्रमोद ने आरोप लगाया कि प्रीति ने न सिर्फ अपनी असली जाति छिपाई बल्कि प्रेम-प्रसंग के दौरान उसे भ्रमित करने के लिए अलग-अलग सर्टिफिकेट भी दिखाए। जब उसने विरोध किया तो प्रीति ने रिश्ता तोड़ दिया और गांव के ही एक युवक अनिल के साथ रहने लगी।
प्रमोद का कहना है कि जब उसने प्रीति के फर्जीवाड़े की शिकायत करने की बात कही, तो युवती और उसके परिवार ने उसके घर पर हमला कर दिया। प्रमोद ने एफआईआर में बताया कि प्रीति, उसके पिता लालाराम, भाई रुपेंद्र और प्रेमी अनिल ने मिलकर उसके घर में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट की और घर का ताला तोड़कर 20 हजार रुपये नकद और जेवर भी चुरा लिए। प्रमोद का यह भी आरोप है कि प्रीति पहले भी कई लोगों – जिनमें सुधीर कुमार, बहनोई पप्पू राठौर, मुन्ना लाल और अशोक वर्मा शामिल हैं – पर झूठे बलात्कार के केस दर्ज करा चुकी है, जिनमें से कुछ मामलों में अंतिम पुलिस रिपोर्ट लग चुकी है जबकि अन्य अभी लंबित हैं। पूरे मामले की जांच अब पुलिस के हाथ में है, लेकिन इस प्रकरण ने प्रशासनिक लापरवाही और दस्तावेज़ों की सत्यता की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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