Ghaziabad News: ग़ाज़ियाबाद के महिला अस्पताल ने बड़ा दावा किया है टैटू बनवाने के शौक में महिलाएं एचआईवी और एड्स जैसी लाइलाज बीमारियों का शिकार हो रही हैं। इसका खुलासा गाजियाबाद के महिला अस्पताल में जन्म देने से पूर्व जांच और काउंसलिंग के बाद हुआ है। पिछले चार सालों में 68 एचआईवी गर्भवतियों के प्रसव हुए। इनमें से प्रतिवर्ष चार से पांच मामले ऐसे रहे, जिनसे काउंसलिंग में टैटू की सुई से एचआईवी और हेपेटाइटिस के ट्रांसफ्यूजन की बात सामने आई है।
विस्तार में:-
गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल में प्रतिवर्ष पांच से छह हजार गर्भवतियों के प्रसव किए जाते हैं। इसके लिए लगभग सभी महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। चार साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अस्पताल में 68 एचआईवी महिलाओं के प्रसव कराए गए, जबकि 485 गर्भवतियों की स्क्रीनिंग में हेपेटाइटिस की पुष्टि हुई। इन सभी महिलाओं का अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराया गया।
एक ही निडिल से कई लोगों के टैटू बनाते हैं।
एचआईवी पॉजिटिव गर्भवतियों की काउंसलिंग के बाद हर साल चार से पांच मामले ऐसे सामने आए जिन्होंने सड़क के किनारे टैटू बनवाया था, जो एक ही निडिल से कई लोगों के टैटू बनाते हैं।
कैसे फैलता है संक्रमण
जानकारी के लिए बता दें कि ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी और हेपेटाइटिस ऐसी बीमारी जो ट्रांसफ्यूजन से फैलती हैं। एचआईवी दूषित रक्त के संपर्क में आने, संक्रमित इंजेक्शन साझा करने से भी फैलता है। यह स्तनपान से मां से बच्चे में फैल सकता है।
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Author: Aniruddh
अनिरुद्ध श्रीवास्तव हिंदी खबरों को सोशल मीडिया और आम जनता तक पहुंचाने में विशेष महारत रखते हैं। मास कम्युनिकेशन से ग्रेजुएट होने के बाद इन्होंने उत्तरप्रदेश के कई दिग्गजों के साथ काम किया व उनसे मार्गदर्शन भी लिया। पिछले 4 वर्षों से अनिरुद्ध मीडिया में हैं। इस समय वह कानून-व्यवस्था और प्रशासन देख रहे हैं। इनसे संपर्क करने के लिए:- aniruddhashrivastav786@gmail.com