Ghaziabad News : ‘अभी एक फ़ैशन हो गया है.. आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर. अगर इतना नाम भगवान का लिया होता तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता…’ ये बात संविधान की 75वीं वर्षगाठ पर संसद के उच्च सदन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कही तो विपक्ष नाराज हो गया। संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह के एक लंबे भाषण के इस छोटे से अंश ने संसद से सड़क और सोशल मीडिया तक सियासी संग्राम छिड़ गया। आंबेडकर के बहाने सियासत भी तेज हो गई है। बीते दिन तो संसद के बहार धक्का-मुक्की देखने को मिली। आरोप है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के धक्का देने के कारण BJP के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हुए है। जिसके बाद अब BJP के नेताओं ने नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
Ghaziabad News : गाजियाबाद जिला कमेटी ने DM को सौंपा ज्ञापन
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस का कहना है कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा। गृह मंत्री माफी मांगें। जबकि गृह मंत्री का कहने है कि कांग्रेस ने बयान को तोड़ मरोड़ कर भ्रम फैलाने का प्रयास किया है। वह सपने में भी बाबासाहेब का अपमान नहीं कर सकते है। इसी क्रम में आज शुक्रवार को गाजियाबाद जिला कमेटी के सदस्यों ने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के बारे में बेहद आपत्तिजनक की है। इस बयान से करोड़ों भारतीयों का घोर अपमान हुआ है जो संविधान को मानते हैं और बाबा साहब अंबेडकर को अपनी प्रेरणा स्रोत के रूप में पूजते हैं। आपसे मांग हैं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने बयान पर माफी मांगे साथ ही अपने पद से इस्तीफा दे।
जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष विनीत त्यागी ने बताया कि जिस तरीके से अमित शाह ने राज्यसभा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है उससे न सिर्फ कांग्रेसी बल्कि आम जनमानस में भी रोष है। इसी को लेकर जिला मुख्यालय में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की गई है की अमित शाह अपने राज्यसभा में दिए गए बयान के लिए माफी मांगे साथ ही वह इस्तीफा भी दे। साथ ही अमित शाह को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
Ghaziabad News : खरगे ने की इस्तीफा की मांग
आपको बता दें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि अमित शाह की टिप्पणी का यह मतलब था कि बाबासाहेब का नाम लेना भी गुनाह है। अमित शाह जी ने सदन (राज्यसभा) में जब बाबासाहेब आंबेडकर जी का नाम लेकर बयान दिया, तब मैंने हाथ उठाकर बोलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उस समय हम सब सहयोग की भावना से चुपचाप बैठे रहे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे। गृह मंत्री ने जिस तरह से बाबासाहेब का अपमान किया, उसे लेकर पूरे विपक्ष ने विरोध जताया है। अमित शाह और भाजपा के लोगों के दिमाग में जो ‘मनुस्मृति’ और आरएसएस की विचारधारा है, वह दर्शाती है कि वे बाबासाहेब के संविधान का आदर नहीं करते। हम शाह की टिप्पणी का पुरजोर विरोध करते हैं। बाबासाहेब का अपमान देश और देशवासी सहन नहीं करेंगे। अमित शाह पूरे देश से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।
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