GDA News : गाजियाबाद इंद्रप्रस्थ योजना के एच ब्लॉक का कमर्शल लैंड लेकर 150 से अधिक उद्यमी और व्यापारी फंसे हुए हैं। न प्लॉट बिक पा रहे हैं और न ही जीडीए यहां कोई विकास कार्य करवा रहा है। हैरानी की बात ये है कि खुद जीडीए ने 20 सितंबर को 22 प्लॉटों की नीलामी कराई थी, जिनमें से एक भी नीलाम नहीं हो सका। प्लॉट मालिकों का आरोप है कि विकास कार्य नहीं होने के कारण और जीडीए द्वारा लगातार दाम बढ़ाने से यह नौबत आई है।
GDA News : आठ साल पहले शुरू किया था आवंटन
प्लॉट मालिकों विजय का कहना है कि आठ साल पहले जीडीए द्वारा यहां कमर्शल लैंड का आवंटन शुरू किया गया था। उसके बाद कहा गया था कि जल्द ही यहां बिजली, सीवर, जैसी तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। आज तक ये सुविधाएं यहां नहीं मिल सकी हैं। हालात ऐसे हैं कि उद्यमियों को यहां किसी भी तरह का निर्माण करवाने के लिए जेनरेटर मंगवाना पड़ता है। कुछ लोगों ने निर्माण किए भी हैं तो वह सोलर पैनल से काम चला रहे हैं। सीवर का पानी खाली प्लॉटों में भर रहा है। जिससे मक्खी-मच्छर पैदा हो रहे हैं।
GDA News : 22 प्लॉटों में से एक भी नहीं बिका
वहीं दूसरी तरफ प्लॉट ओनर राजेश कुमार का कहना है कि जीडीए ने जिन 22 प्लॉटों की निलामी की थी, उसमें एक भी नहीं बिका, क्योंकि यहां कोई सुविधा ही नहीं है। यह इलाका दिल्ली से सटा हुआ है। पिछले साल तक जिस जमीन की कीमत लगभग 26 हजार प्रति स्कवायर मीटर थी, वह बढ़कर इस साल 58 हजार स्कवायर मीटर तक पहुंच गई है। कम से कम बिजली का कनेक्शन दे दिया जाए लेकिन कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। बिजली विभाग को ट्रांसफॉर्मर रखने के लिए जमीन चाहिए, वह जीडीए नहीं दे पा रहा है।
इसको लेकर बिजली निगम के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर शैलेंद्र यादव का कहना है कि हमें यहां बिजली का नया सब स्टेशन बनाना है। इसके लिए जीडीए ने जमीन दिखाई थी, लेकिन वह जमीन ऐसी नहीं थी जहां सब स्टेशन बनाया जा सके। कमर्शल लैंड पर बिजली का कनेक्शन नहीं आने का हमसे कोई लेना देना नहीं है। यह जीडीए द्वारा ही करवाया जाएगा। उसके बाद वह हमें हैंडओवर करेंगे।
