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Attack on Parliament House: आज से ठीक 23 साल पहले संसद भवन पर हुआ था हमला

Attack on Parliament house

संवाददाता:- नितिन कुमार

Attack on Parliament House: संसद हमले की 23वी वर्षगांठ पर ग़ाज़ियाबाद लोनी के टीला गाँव निवासी शहीद देशराज मावी की समाधि पर पहुंचकर परिजनों ने हवन कर श्रद्धांजलि अर्पित की परिजनों ने शोक व्यक्त करते हुऐ कहा कि आज के दिन देश पर सबसे बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए राजनैतिक एवं प्रशासनिक स्तर के अधिकारी और नेताओं को पहुंच कर श्रद्धांजलि देने से मनोबल बढ़ता लेकिन अब ऐसा नहीं है क्योंकि अब नेता ऐसे कार्यक्रम में नहीं पहुंच रहे जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
Attack on Parliament House: देश के संसद भवन पर हमले के 23 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति सहित दिग्गज नेताओं ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा एलओपी राहुल गांधी, केंद्रीय एचएम अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू और अन्य ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

जवानों ने हमले को कर दिया था नापाक
Attack on Parliament House: आज से ठीक 23 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादियों ने हमला बोला था। हमारे जवानों ने मुस्तैदी दिखाते हुए इस हमले को नाकाम कर दिया था। हालांकि इस नापाक हमले में हमारे 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले की जांच से जुटे अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान प्रायोजित यह आतंकवादी हमला भारत को अस्थिर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए किया गया था. इस हमले में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने की पुष्टि हुई थी।

जवानों ने दिया था अपना बलिदान
Attack on Parliament House: जानकारी के लिए बता दें 13 दिसंबर 2001 को दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल जगदीश, मातबर, कमलेश कुमारी, नानक चंद और रामपाल, दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेंद्र सिंह और घनश्याम तथा सीपीडब्ल्यूडी के माली देशराज ने आतंकवादी हमले के दौरान संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था. यह हमला उस समय हुआ था जब 13 दिसंबर 2001 को सुबह लगभग 11.30 बजे एक सफेद एंबेसडर कार में सवार पांच आतंकवादी संसद भवन के गेट नंबर 12 से संसद परिसर में घुसे. गोलियों की आवाज सुनते ही सीआरपीएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की. आतंकवादी हमले के समय संसद में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत कई मंत्री, सांसद एवं पत्रकार मौजूद थे।

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Author: Aniruddh

अनिरुद्ध श्रीवास्तव हिंदी खबरों को सोशल मीडिया और आम जनता तक पहुंचाने में विशेष महारत रखते हैं। मास कम्युनिकेशन से ग्रेजुएट होने के बाद इन्होंने उत्तरप्रदेश के कई दिग्गजों के साथ काम किया व उनसे मार्गदर्शन भी लिया। पिछले 4 वर्षों से अनिरुद्ध मीडिया में हैं। इस समय वह कानून-व्यवस्था और प्रशासन देख रहे हैं। इनसे संपर्क करने के लिए:- aniruddhashrivastav786@gmail.com

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