Viral News : कोर्ट ने इसे पारिवारिक मूल्यों का उल्लंघन करार दिया
मिस्र में सोशल मीडिया पर क्रॉस-ड्रेसिंग यानी महिला वेश में वीडियो बनाना कई कंटेंट क्रिएटर्स को महंगा पड़ गया है। इस्माइलिया की एक आर्थिक अदालत ने टिकटॉक पर महिला के कपड़े पहनकर वीडियो बनाने के आरोप में कुछ क्रिएटर्स को तीन साल की सजा सुनाई है। अदालत का कहना है कि इन वीडियो में सार्वजनिक नैतिकता और मिस्र के पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों का उल्लंघन हुआ है। यह फैसला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादों का विषय बन गया है, क्योंकि इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है।
Viral News : क्या हैं पूरा खबर ?
इस मामले की शुरुआत रमजान के दौरान मार्च में तब हुई, जब सिनाई के शहर दहाब से लौट रहे कुछ लोगों को महिलाओं की पोशाक और मेकअप में अजीब व्यवहार करते हुए देखा गया। सुरक्षा अधिकारियों ने इन्हें एक बस में देखा और पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अल-ज़ीन और उसके साथियों पर संदेह गहराया। इन लोगों पर आरोप था कि वे टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की तरह कपड़े पहनकर, डांस और अभिनय करते हुए अश्लील वीडियो पोस्ट कर रहे थे। अल-ज़ीन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके वीडियो का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन और फॉलोअर्स बढ़ाना था, किसी प्रकार की अश्लीलता या सामाजिक मूल्यों का उल्लंघन करने की मंशा नहीं थी।
हालांकि अदालत ने उनके बचाव को स्वीकार नहीं किया और 2018 में लागू साइबर अपराध विरोधी कानून का हवाला देकर उन्हें सजा सुनाई। इस कानून के तहत किसी भी ऐसी डिजिटल सामग्री को अपराध माना जाता है जो पारिवारिक मूल्यों के विपरीत हो या नैतिक पतन को बढ़ावा दे। अभियोजन पक्ष ने इन वीडियो को “अनैतिक और व्यभिचार को उकसाने वाला” बताते हुए कठोर रुख अपनाया। यह मामला अब देश और विदेश में अभिव्यक्ति की आजादी बनाम सांस्कृतिक परंपराओं की बहस का केंद्र बन चुका है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इसे अनुचित सजा बताते हुए मिस्र सरकार की आलोचना की है।
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