UP News : ‘सूर्या पैलेस होटल’ नाम से चला रहे थे होटल
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य देश के गरीब और बेघर परिवारों को अपना पक्का घर उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें एक सुरक्षित और स्थायी छत मिल सके। लेकिन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में इस योजना का दुरुपयोग कर एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुशीनगर नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर-21 कृष्णा नगर में एक लाभार्थी द्वारा आवंटित घर को दो मंजिला लग्जरी होटल में तब्दील कर व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर होटल में छापा मारा।
UP News : जाने क्या हैं पूरी खबर ?
यह आवास संगीता नामक महिला को 29 जून 2021 को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवंटित हुआ था। निर्माण कार्य पांच चरणों में डूडा (दुडा) विभाग द्वारा कराया गया था। पहला भुगतान ₹50,000 के साथ 28 सितंबर 2021 को किया गया और निर्माण की शुरुआत मानी गई। दूसरे चरण में फाउंडेशन का फोटो 23 नवंबर 2021 को अपलोड किया गया और ₹1.5 लाख का भुगतान हुआ। लेकिन इसके बाद काम में वर्षों की देरी हुई और तीसरा चरण, यानी लिंटर, का फोटो ढाई साल बाद 18 जुलाई 2024 को अपलोड हुआ। चौंकाने वाली बात यह रही कि अगले दो चरण—रूफ और कंप्लीट—सिर्फ पांच दिनों के भीतर 20 और 23 जुलाई 2024 को पूरे दिखा दिए गए। यह संदेहास्पद प्रक्रिया दर्शाती है कि कहीं न कहीं विभागीय लापरवाही और मिलीभगत से यह पूरा निर्माण कार्य हुआ।
इस कथित पीएम आवास को ‘होटल सूर्या पैलेस’ के नाम से चलाया जा रहा था, जहां पुलिस को गोरखधंधे की सूचना मिली थी। छापेमारी में कुछ संदिग्ध कपल्स को गिरफ्तार भी किया गया, जिससे पूरे प्रकरण की परतें खुलती चली गईं। इसके बाद यह साफ हो गया कि लाभार्थी परिवार इस योजना का दुरुपयोग कर रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने सख्त जांच के निर्देश दिए हैं और स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वास्तव में जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है या यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है? अब देखना होगा कि प्रशासन इस पूरे प्रकरण पर क्या ठोस कार्रवाई करता है।
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