रिपोर्टर राहुल कुमार
Delhi News: वन महोत्सव 2025 के पावन अवसर पर देश ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया। प्रसिद्ध पर्यावरणीय पहल “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का दूसरा संस्करण इस वर्ष और भी व्यापक स्वरूप में सामने आया, जब इसे देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्थाओं और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ।
Delhi News: राष्ट्रपति एस्टेट में हुआ विशेष पौधारोपण कार्यक्रम
दिल्ली स्थित राष्ट्रपति एस्टेट में आयोजित इस विशेष पौधारोपण कार्यक्रम में दिल्ली उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय, NGT के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, और कई अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों एवं विशेषज्ञों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर जस्टिस नवीन चावला, जस्टिस अनुप जयराम भाभानी, जस्टिस ज्योति सिंह, NGT के न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल और डॉ. अफ़रोज़ अहमद ने भी वृक्षारोपण में भाग लिया।
Delhi News: राजनीतिक नेतृत्व की भागीदारी
कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी सक्रिय भागीदारी की और अपने हाथों से पौधे लगाए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि “पर्यावरण की रक्षा केवल सरकार या संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ इस कर्तव्य को जनांदोलन का रूप दे रहा है।”
Delhi News: पर्यावरणीय चेतना की मिसाल बना अभियान
“एक पेड़ माँ के नाम” अब केवल एक पर्यावरणीय अभियान नहीं रहा, बल्कि यह जनभागीदारी से प्रेरित एक राष्ट्रीय जनआंदोलन बनता जा रहा है। यह पहल लोगों को न केवल हरियाली बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें प्रकृति से भावनात्मक रूप से जोड़ने का कार्य भी करती है। हर पेड़ एक माँ को समर्पित किया जाता है, जिससे व्यक्तिगत जुड़ाव की भावना और भी प्रबल होती है।
Delhi News: न्यायपालिका की नई भूमिका
देश की न्यायपालिका और पर्यावरणीय न्याय संस्थाओं का इस पहल में जुड़ना एक सकारात्मक संकेत है कि अब संवैधानिक संस्थाएँ भी अपने सामाजिक और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को गंभीरता से निभा रही हैं। यह सहभागिता नीति निर्धारण के साथ-साथ समाज में जागरूकता का भी सशक्त माध्यम बन रही है।
Delhi News: अभियान का उद्देश्य और भविष्य की दिशा
अभियान का उद्देश्य न केवल वृक्षारोपण करना है, बल्कि हर नागरिक को पर्यावरण संरक्षण का संवाहक बनाना है। आयोजकों का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह अभियान स्कूलों, कॉलेजों, न्यायालय परिसरों और ग्राम पंचायतों तक विस्तार पाएगा, जिससे भारत को एक हरित राष्ट्र बनाने का सपना साकार किया जा सके।
