Ghaziabad News : गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भर्ती युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की मां ने सेंटर संचालकों पर इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता रेणु पाहवा, निवासी सेक्टर-3, फरीदाबाद (हरियाणा) ने बताया कि उन्होंने अपने 31 वर्षीय बेटे मन्निद सिंह को 1 जून 2025 को पावी सादकपुर स्थित ‘बिंग ऑफ लाइफ’ नामक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। सेंटर के कर्मचारी विकास गुप्ता ने दावा किया था कि उनका बेटा जल्द ही ठीक हो जाएगा और उसका उचित इलाज किया जाएगा। लेकिन परिजनों का आरोप है कि मन्निद को वहां जरूरत से ज्यादा नींद की गोलियां दी जाती थीं, जिससे उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई।
Ghaziabad News : ये है पूरा मामला
रेणु पाहवा के अनुसार, 11 जून की रात 9:30 बजे केंद्र से एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि मन्निद की हालत गंभीर है और उसे दिल्ली स्थित जीटीबी अस्पताल ले जाया जा रहा है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो देखा कि केंद्र संचालक दिनेश गुप्ता व अन्य स्टाफ युवक की डेड बॉडी को इमरजेंसी के बाहर लिए खड़े थे। परिजनों का आरोप है कि मन्निद की मौत पहले ही नशा मुक्ति केंद्र में हो चुकी थी और इसे छिपाने के लिए उसे अस्पताल ले जाने की झूठी कहानी गढ़ी गई। रेणु पाहवा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सेंटर में भर्ती के बाद से ही कई बार शिकायतें मिली थीं कि उनका बेटा ठीक महसूस नहीं कर रहा है, लेकिन हर बार सेंटर से यही जवाब दिया गया कि इलाज सही तरीके से हो रहा है।
Ghaziabad News : पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना ट्रोनिका सिटी पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। एफआईआर संख्या 1526 में सेंटर संचालक विकास गुप्ता और दिनेश गुप्ता के खिलाफ लापरवाही और जान से खिलवाड़ जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
साफ है कि इस घटना ने गाजियाबाद के गाजियाबाद में नशा मुक्ति केंद्रों की व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां इलाज के नाम पर मरीजों के साथ लापरवाही और अमानवीयता की घटनाएं सामने आ रही हैं। यहां इससे पहले भी नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती मरीजों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की घटनाएं और अमान्यवीए व्यवहार की शिकायते और मामले सामने आ चुकी हैं।
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