Ghaziabad News : वसुंधरा और वैशाली जैसे व्यस्त शहरी क्षेत्रों में नगर निगम की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है। इन इलाकों में सड़क किनारे लगे स्थान व दिशासूचक संकेतक बोर्ड (सिग्नेज) पेड़ों की बेतरतीब बढ़ी शाखाओं के कारण पूरी तरह से ओझल हो गए हैं या गायब हैं। इससे खासकर उन राहगीरों को खासी दिक्कत हो रही है जो गूगल मैप जैसे नेविगेशन ऐप्स का इस्तेमाल नहीं करते।
Ghaziabad News : कई महीनों से हो रही परेशानी
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि संकेतक बोर्डों की यह हालत कोई नई नहीं, बल्कि कई महीनों से बनी हुई है। सड़कों पर चलते हुए दिशा-बोध कराने वाले ये संकेतक अब या तो पेड़ों की डालियों के पीछे छिपे हुए हैं या पूरी तरह जंग खा चुके हैं। इस अव्यवस्था की प्रमुख वजह नगर निगम के उद्यान विभाग की उदासीनता मानी जा रही है। नियमों के मुताबिक़, सड़कों के सेंट्रल वर्ज पर लगी हरियाली को इस तरह से रखा जाना चाहिए कि वह केवल सामने से आने वाली वाहनों की हेडलाइट से बचाव में सहायक हो, न कि सड़कों के संकेतकों को ही ढक दे। लेकिन पेड़ों की समय पर छँटाई न होने से अब ये संकेतक बेकार हो चले हैं।
Ghaziabad News : शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं
स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नगर निगम और उद्यान विभाग को इस संबंध में शिकायतें दी जा चुकी हैं। मगर जब उनसे जवाब माँगा गया तो कभी संसाधनों की कमी तो कभी कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया। नाम न छापने की शर्त पर नगर निगम के उद्यान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि “नियमों के दायरे में छँटाई की जाती है और जहाँ-जहाँ से शिकायत आती है, वहीं कार्य किया जाता है।
Ghaziabad News : स्थानीय लोगों की ये है मांग
यह बयान साफ़ तौर पर दर्शाता है कि विभाग की कार्यशैली पूरी तरह से प्रतिक्रिया-आधारित है, न कि समस्या की पहचान कर समय रहते समाधान करने की दिशा में। स्थानीय लोगों की माँग है कि नगर निगम क्षेत्रीय निरीक्षण कर पेड़ों की समयबद्ध छँटाई सुनिश्चित करे, ताकि सड़कों पर लगे दिशासूचक बोर्ड पुनः साफ-साफ़ दिखाई दें। इसके साथ ही ग़ायब हो चुके संकेतकों को फिर से स्थापित किया जाए।
शहर में बढ़ते ट्रैफिक और बाहरी लोगों की आवाजाही को देखते हुए संकेतकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि नगर निगम ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो यह परेशानी किसी बड़े हादसे का कारण भी बन सकती है।
यह भी पढ़े:- Ghaziabad News : बूंद-बूंद पानी को तरस रहे इस सोसायटी के लोग, 1500 परिवार का हाल हुआ बेहाल
